बंगाल-ओडिशा में चक्रवाती तूफान उम्पुन का कोहराम, ममता बनर्जी ने कहा- 10 से 12 लोगों की मौत
मौसम विभाग के अनुसार पश्चिम बंगाल तट पर पहुचने के समय चक्रवात के केंद्र के पास हवा की गति 160-170
कोलकाता: ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों में बुधवार को 190 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाले विकराल चक्रवाती तूफान उम्पुन के कारण भारी तबाही हुई और कम से कम तीन लोगों की मौत हो गयी. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
चक्रवात दोपहर में करीब ढाई बजे पश्चिम बंगाल में दीघा और बांग्लादेश में हटिया द्वीप के बीच तट पर पहुंचा. चक्रवात के कारण तटीय क्षेत्रों में भारी तबाही हुई. चक्रवात की वजह से बड़ी संख्या में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए. वहीं कच्चे मकानों को भी खासा नुकसान हुआ.अधिकारियों के अनुसार चक्रवात आने से पहले पश्चिम बंगाल और ओडिशा में कम से कम 6.58 लाख लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था.
160-170 किमी प्रति घंटे थी रफ्तार
मौसम विभाग के अनुसार पश्चिम बंगाल तट पर पहुचने के समय चक्रवात के केंद्र के पास हवा की गति 160-170 किमी प्रति घंटे थी. एक अधिकारी ने बताया कि उत्तरी 24 परगना जिले में पेड़ उखड़ने से एक पुरुष और एक महिला की मौत हो गई, वहीं हावड़ा में इसी तरह की एक घटना में 13 वर्षीय लड़की की मौत हो गयी. ओडिशा में अभी किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.
ममता बनर्जी का दावा 10 से 12 लोगों की मौत
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि कम से कम 10 से 12 लोगों की जान जा चुकी है. वह राज्य सचिवालय नबन्ना से हालात पर नजर रख रही हैं. उन्होंने कहा, ‘‘इलाके के इलाके तबाह हो गए. मैंने आज युद्ध जैसे हालात का सामना किया. कम से कम 10-12 लोग मारे गये हैं. नंदीग्राम और रामनगर...उत्तर तथा दक्षिण 24 परगना के दो जिले पूरी तरह तबाह हो गए.’’
NDRF की ओडिशा में 20 टीमों को तैनात
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक एस एन प्रधान ने नयी दिल्ली में कहा कि ओडिशा में 20 टीमों को तैनात कर दिया गया है जबकि पश्चिम बंगाल में 19 यूनिट को तैनात किया गया है।
उन्होंने कहा कि ओडिशा में एनडीआरएफ की टीमों ने सड़कों को साफ करने का अभियान शुरू कर दिया है. वहीं पश्चिम बंगाल में तैनात टीमें लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में करीब पांच लाख लोगों को और ओडिशा में करीब 1.58 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.
टीवी फुटेज में दीघा तट पर समुद्र की काफी ऊंची लहरें दिख रही हैं. भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर पानी भर गया, वहीं कच्चे मकान गिर गए या क्षतिग्रस्त हो गए.
तूफान के केंद्र का व्यास 30 किमी का था
भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने प्रधान के साथ मीडिया को संयुक्त रूप से संबोधित किया. उन्होंने कहा कि उत्तरी 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर जिलों में 160-170 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही थीं. हवाओं की गति बढ़कर 185 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है. उन्होंने कहा कि चक्रवात का सबसे घातक हिस्सा तट पर पहुंचा गया है जिससे तीनों जिलों में भारी बारिश हुई। तूफान के केंद्र का व्यास 30 किमी का था.
कोलकाता में उत्तरी और दक्षिणी 24 परगना तथा पूर्वी मिदनापुर से आने वाली खबरों में कहा गया है कि खपरैल मकानों के ऊपरी हिस्से तेज हवाओं में उड़ गए. बिजली के खंभे टूट गए या उखड़ गए. भारी बारिश के कारण कोलकाता के निचले इलाकों में सड़कों और घरों में पानी जमा हो गया.
मध्य कोलकाता के अलीपुर में सुबह आठ बजे से रात 8.30 बजे के बीच 222 मिलीमीटर बारिश हुई तो दमदम में 194 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी. कोलकाता के अधिकतर हिस्सों में रात नौ बजे के बाद बारिश रुक गयी लेकिन तेज हवाएं चलती रहीं.
आज होगा नुकसान का आकलन
ममता बनर्जी ने कहा कि बृहस्पतिवार तक नुकसान का आकलन हो सकेगा जब तूफान चला जाएगा. चक्रवात के कारण ओडिशा के पुरी, खुर्दा, जगतसिंहपुर, कटक, केंद्रपाड़ा, जाजपुर, गंजम, भद्रक और बालासोर जिलों के कई इलाकों में तेज बारिश हुई.
महापात्र ने कहा कि चक्रवात बुधवार देर रात तक ओडिशा से आगे बढ़ जाएगा लेकिन उस समय तक खड़ी फ़सलों, पेड़ों और बुनियादी ढांचे को बड़े पैमाने पर नुकसान होगा. अधिकारियों ने कहा कि उत्तरी और दक्षिणी 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर जिलों में पांच मीटर तक का ज्वार उठा जिससे काफी दायरे में आने वाले क्षेत्र जलमग्न हो गए.