10 साल की बच्ची ने चिट्ठी लिखकर सुप्रीम कोर्ट को दिया महामारी में लोगों की मदद के लिए धन्यवाद, CJI ने दिया जवाब
5वीं कक्षा की छात्रा लिडविना जोसफ ने अपने हाथ से लिखी चिट्ठी चीफ जस्टिस को भेजी थी. केंद्रीय विद्यालय में पढ़ने वाली 10 साल की लिडविना ने लिखा था कि वह देश भर में और खास तौर पर दिल्ली में कोरोना के चलते हो रही मौतों से बहुत चिंतित थी.
नई दिल्ली: खबरों में एक बच्ची की रुचि से चीफ जस्टिस एनवी रमना इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने उसे अपने हस्ताक्षर वाली संविधान की किताब भेजी. केरल की रहने वाली इस बच्ची ने चिट्ठी लिखकर सुप्रीम कोर्ट को कोरोना के दौरान दखल देने और लोगों की जान बचाने में मददगार साबित होने के लिए धन्यवाद कहा था. बच्ची ने कोरोना को अपने हथौड़े से पीटते जज की तस्वीर भी बनाई थी. चीफ जस्टिस ने किताब के साथ बच्ची को जवाबी चिट्ठी भी लिखी है. उन्होंने उसके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दीं.
केरल के त्रिशूर की रहनी वाली 5वीं कक्षा की छात्रा लिडविना जोसफ ने अपने हाथ से लिखी चिट्ठी चीफ जस्टिस को भेजी थी. केंद्रीय विद्यालय में पढ़ने वाली 10 साल की लिडविना ने लिखा था कि वह देश भर में और खास तौर पर दिल्ली में कोरोना के चलते हो रही मौतों से बहुत चिंतित थी. लगातार अखबार में इससे जुड़ी खबरें देखने को मिल रही थीं. इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दखल दिया और लोगों के हित में कई आदेश दिए. कोर्ट ने ऑक्सीजन की सप्लाई बेहतर बनाने के लिए प्रभावी आदेश पारित किए. इससे भी कई लोगों की जान बची. मृत्यु दर में कमी आई.
जजों पर गर्व
लिडविना ने लिखा कि उसे कोर्ट के दखल के बाद सुधरती स्थिति की खबरें पढ़कर जजों पर गर्व हुआ. अपनी खुशी को व्यक्त करने के लिए वह सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद कहना चाहती है. इस चिट्ठी के साथ उसने अपने हाथ से बनाई एक तस्वीर भी भेजी. इसमें सुप्रीम कोर्ट के जज हथौड़े से कोरोना वायरस को मारते दिख रहे हैं. इसके जवाब में चीफ जस्टिस एनवी रमना ने बच्ची को अपने हस्ताक्षर वाली संविधान की प्रति भेजी है. चीफ जस्टिस ने बच्ची को एक चिट्ठी भी लिखी है.
चिट्ठी लिखकर दिया जवाब
इस चिट्ठी में उन्होंने कहा है, 'प्रिय लिडविना, मुझे आप का सुंदर पत्र मिला. साथ ही दिल को छू लेने वाली तस्वीर भी मिली. जिसमें आप ने एक जज को काम करते हुए दिखाया है. मैं इस बात से प्रभावित हुआ कि आप देश मे चल रही घटनाओं में इतनी रुचि लेती हैं. साथ ही आप महामारी के दौरान लोगों के हितों को लेकर चिंतित हैं. मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि आप बड़ी होकर एक जागरूक, जानकार और जिम्मेदार नागरिक बनेंगी. आप निश्चित रूप से राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाएंगी. आपकी सफलता के लिए शुभकामनाएं और आशीर्वाद.'
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