100 करोड़ की वसूली मामला: मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह का बयान दर्ज करने के लिए ED भेजेगी समन
मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक खत लिखकर शिकायत की थी कि अनिल देशमुख पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के माध्यम से पैसों की वसूली करवा रहे हैं.
मुंबई: 100 करोड़ वसूली मामले की जांच कर रही ईडी अब मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबिर सिंह का बयान दर्ज करने जा रही है. ईडी के सूत्रों ने बताया की वे जल्द ही समन भेजकर उन्हें तारीख़ बताएंगे और उस दिन उन्हें बयान दर्ज करने को कहेंगे.
आपको बता दें कि यह पूरा मामला सिंह की शिकायत के बाद ही सामने आया था. सूत्र बताते हैं कि सिंह की शिकायत के आधार पर ही सीबीआई ने मामला दर्ज किया और उनकी एफआईआर के आधार पर ईडी ने इसीआर दर्ज किया था. इस मामले में ईडी ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के पीए कुंदन शिंदे और पीएस संजीव पलांडे को गिरफ्तार किया है.
दोनों पर क्या है आरोप
संजीव पलांडे लगभग 20 सालों से बड़े नेताओं के साथ काम कर रहे हैं. वो इस बार देशमुख के साथ पर्सनल सेक्रेटरी के तौर पर काम कर रहे थे. इसी बीच मार्च के महीने में मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक खत लिखकर शिकायत की थी कि वो पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के माध्यम से पैसों की वसूली करवा रहे हैं.
अपने खत में उन्होंने ये बताया कि देशमुख अपने सरकारी निवास ज्ञानेश्वरी मीटिंग लेकर पुलिस अधिकारी को हर महीने बार और होटलों से कम से कम 100 करोड़ रुपए की वसूली करने के आदेश दिए थे. उन्होंने यह भी कहा कि सचिन वाजे को देशमुख का संरक्षण मिला हुआ था.
सिंह ने यह भी कहा था कि आपको बताना चाहता हूं कि महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वाजे को कई बार अपने आधिकारिक बंगले में बुलाया और उगाही करने के आदेश दिए. इस दौरान उनके पर्सनल सेक्रेटरी मिस्टर पलांडे भी वहां पर मौजूद रहते थे.
पलांडे और शिंदे पर लगे गंभीर आरोप
पुलिस अधिकारियों के साथ जब भी इस तरह की मीटिंग होती थी तब पलांडे वहां मौजूद होते थे. इसके अलावा इस बात की जानकारी शिंदे को भी होती थी. ईडी के सूत्रों ने बताया कि अबतक इस मामले में 10 बार मालिकों के बयान दर्ज किए गए हैं, जिसमे पता चला कि इन लोगों ने अब तक 4 करोड़ रुपये इकट्ठा कर देशमुख के पीए और पीएस को पहुंचाए हैं, जिसके बाद वो पैसे सेल कंपनी में डायवर्ट किये गए और फिर वो पैसे देशमुख के करीबियों के बैंक अकाउंट में वापस आये. ईडी ने 24 जून को मुंबई पुलिस के डीसीपी राजू भुजबल का बयान दर्ज किया और फिर छापेमारी के सिलसिला शुरू हो गया.