मानवता के लिए निस्वार्थ भाव से 100 रुपये की सेवा, सम्मान में मिला एक लाख का इनाम
कोरोना काल में कई ऐसी तस्वीरे देखने को मिली जहां लोगों ने जरूरतमंदों की मदद करने के लिए कदम बढ़ाया. कोच्चि में एक 56 वर्षीय महिला के निस्वार्थ भाव से की गई मदद ने हर किसी का दिल छू लिया है.
कोच्चि: कोरोना संकट काल में कई लोग अपनी अपनी हैसियत के अनुसार जरूरतमंदों और असाहयों की मदद कर रहे हैं. पिछले दिनों कोच्चि में एक 56 वर्षीय महिला द्वारा निस्वार्थ भाव से की गई मदद ने हर किसी का दिल छू लिया. यहां तक कि उस महिला को 'आईबीएस सॉफ्टवेयर' नाम की एक आईटी कंपनी द्वारा एक लाख रूपये देकर सम्मानित भी किया गया.
कोच्चि के एक गांव की रहने वाली मैरी सबास्टियन पड़ौसी पंचायत के बाढ प्रभावित लोगों के लिए खाने के पैकेट बनाती है. पिछले महीने की बात है उसने सौ रूपये का एक नोट एक कागज के टुकड़े में लपेटकर एक खाने के पैकेट में रख दिया. ऐसा करते समय वह यही सोच रही थी कि उसके द्वारा रखे गए यह 100 रूपये शायद किसी परिवार को कुछ चाय के कप मयस्सर करा दें. मैरी द्वारा खाने के पैकेट में रखा गया 100 का नोट एक पुलिसकर्मी को मिला. उसने फेसबुक पर इस संबंध में एक पोस्ट भी की. यह पोस्ट देखते ही देखते वायरल हो गई.
खुद गरीब होते हुए मैरी द्वारा जिस निस्वार्थ भाव से 100 रूपये की मदद की गई उससे आईटी कंपनी आईबीएस सॉफ्टवेयर काफी प्रभावित हुई. कंपनी ने मैरी की मानवीयता की सराहना करते हुए उसे 1 लाख रूपये देकर सम्मानित भी किया गया. कंपनी के उच्च अधिकारी खुद मैरी के घर गए और उसे एक प्रशस्ति पत्र के साथ चेक सौंपा. कंपनी ने मैरी के कृत्य को असाधारण बताया. कंपनी के एग्जीक्यूटिव चेयमैन वीके मैथ्यू ने मैरी की प्रशंसा करते हुए कहा कि, इस कठिन समय में ऐसी प्रेरणादायक कहानियां शीतल हवा में सांस लेने की भांति हैं.
मैरी कैटरिंग का काम करती है. लेकिन कोरोना आपदा काल के कारण हुए लॉकडउन का असर उसके काम पर भी काफी पड़ा है. उसका पति बोट ठीक करने का काम करता है लेकिन कोरोना संकट में उसके पास भी अब काम नहीं है. ऐसे में एक लाख रूपये मिलने पर मैरी बेहद खुश है उसका कहना है कि, उस पर कई छोटे लोन हैं और उसे मिले एक लाख रूपयों से वह अब अपने कर्जों को चुका पाएगी.
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