'ताऊते' चक्रवात से निपटने के लिए NDRF की 100 टीमेंं तैनात, वायुसेना, नौसेना और कोस्टगार्ड ने भी कसी कमर
एनडीआरएफ की कुल 100 टीमें ताऊते चक्रवात से निपटने के लिए प्रभावित राज्यों में तैनात की गई हैं. चक्रवात का लैंडफॉल 18 मई को गुजरात के तट पर होने की संभावना है जिसके चलते गुजरात राज्य में सबसे ज्यादा 44 टीमें तैनात की गई हैं.

ताऊते चक्रवात से निपटने के लिए अब एनडीआरएफ की कुल 100 टीमें प्रभावित राज्यों में तैनात की गई हैं. सबसे ज्यादा 44 टीमें गुजरात राज्य में तैनात की गई हैं. माना जा रहा है कि चक्रवात का लैंडफॉल 18 मई को गुजरात के तट पर ही होने की संभावना है.
इसके अलावा एनडीआरआफ की 12 टीमें महाराष्ट्र में 12, केरल में 09 और तमिलनाडु में 08 टीमें तैनात की गई हैं. एनडीआरएफ के मुताबिक, हर टीम में 47 सदस्य हैं, जो चक्रवात, तूफान और बाढ़ जैसी परिस्थिति से निपटने के लिए जरूरी बोट्स और उपकरण से लैस है. गोवा में भी एक और दीव में दो टीमें तैनात की गई हैं.
79 टीमें इस वक्त सभी प्रभावित राज्यों के तटों पर तैनात हैं- एनडीआरएफ
एनडीआरएफ के मुताबिक, 100 टीमों में से 79 टीमें इस वक्त सभी प्रभावित राज्यों के तटों पर तैनात हैं. इसके अलावा 14 टीमें रिजर्व में है, और 22 टीमें गाजियाबाद, भटिंडा, भुवनेश्वर और विजयवाड़ा में टीमें स्टैंड-बाय पर रखी गई हैं. इसके अलावा कोस्टगार्ड के मुताबिक, अभी तक केरल, कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र के किसी भी मछुआरे के गायब होने की कोई खबर नहीं हैं. मछुआरों की संस्थाओं के मुताबिक, उनकी सभी बोट्स सुरक्षित तटों पर पहुंच गई हैं.
बता दें, तौकते चक्रवात से निपटने के लिए एनडीआरएफ, वायुसेना, नौसेना और कोस्टगार्ड ने भी राज्य और स्थानीय प्रशासन के साथ साथ पूरी तरह कमर कस रखी है. इसके अलावा नौसेना की टीमें भी राहत और बचाव कार्य में जुट गई है. कोस्टगार्ड के जहाज समंदर में मछुआरों को सुरक्षित बचाने में जुटे हैं तो वायुसेना के 16 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और 18 हेलीकॉप्टर किसी भी चुनौती से निपटने के लिए ऑपरेशन्ली-तैयार हैं.
एनडीआरएफ: नेशनल डिस्साटर रिलीफ फोर्स (एनडीआरएफ) की कुल 53 टीमें देश के पश्चिमी तटों पर तैनात हैं. इन सबसे ज्यादा केरल में नौ (09) टीमें तैनात हैं. जबकि तमिलनाडु में पांच (05), महाराष्ट्र में चार (04), कर्नाटक और गुजरात में तीन-तीन टीमें तैनात हैं. गोवा में भी एक (01) टीम तैनात की गई है. एनडीआरएफ के मुताबिक, एक टीम में कुल 47 जवान शामिल हैं और वे सभी इस चक्रवात से लड़ने में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों से लैस हैं. इसके अलावा एनडीआरएफ की 29 टीमें स्टैंड-बाय पर रखी गई हैं और उन्हें भी किसी भी वक्त मोबिलाइज़ किया जा सकता है.
वायुसेना: भारतीय वायुसेना के मुताबिक, देश के अलग-अलग एयर-बेस पर 16 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और 18 हेलीकॉप्टर किसी भी चुनौती से निपटने के लिए ऑपरेशन्ली-तैयार हैं. इसके अलावा वायुसेना के एक आईएल-76 एयरक्राफ्ट ने एनडीआरएफ के कुल 127 जवानों और 11 टन कार्गो के साथ पंजाब के भटिंडा से गुजरात के जामनगर पहुंचाया है. इसी तरह एक सी-130 हरक्युलिस विमान ने 25 जवानों और 12.3 टन कार्गो के साथ भटिंडा से राजकोट पहुंचाया. इसके अलावा दो सी-130 विमानों ने 126 जवानों को भुवनेश्वर से जामनगर पहुंचाया है.
नौसेना: भारतीय नौसेना के मुताबिक, कोच्चि स्थित दक्षिणी कमान ने चक्रवात प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव का काम शुरू कर दिया है. शनिवार की सुबह केरल के चेनलम जिले के कई गांवों में नेवल डाइविंग टीम तैनात की हैं जो बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के काम में जुटी हैं और उन्हें खाना तथा दूसरा जरूरी सामान भी मुहैया करा रही हैं. इसके लिए इलाके के एक स्कूल में नौसेना ने रिलीफ कैंप भी स्थापित किया है.
कोस्टगार्ड: चक्रवात के अलर्ट मिलने के साथ ही कोस्टगार्ड के जहाज और एयरक्राफ्ट्स ने बुधवार से ही अरब सागर में मछली पकड़ने गए मछुआरों और उनकी बोट्स को सुरक्षित तटीय इलाकों में जल्द से जल्द पहुंचने की चेतावनी शुरू कर दी थी. इसके अलावा शुक्रवार की रात को कोस्टगार्ड के एक शिप, आईजीसी व्रिकम ने समंदर में फंसी एक बोट और उसमें सवार 13 मछुआरों को सुरक्षित केरल के तट पर पहुंचाया. इस बोट का इंजन समंदर में खराब मौसम के चलते फेल हो गया था.
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