नई दिल्ली: मानव तस्करी के करीब 1000 पीड़ितों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र लिखकर राज्यसभा में मानव तस्करी निरोधक विधेयक को जल्दी पारित कराने के लिए उनके समर्थन की मांग की है. मानव तस्करी (रोकथाम, संरक्षण और पुनर्वास) विधेयक 2018 को 26 जुलाई को लोकसभा ने पारित कर दिया था. यह मानव तस्करी निरोधक विधेयक भारत का पहला व्यापक विधेयक है जो अपराध की रोकथाम, संरक्षण और पुनर्वास की बात करता है.

विधेयक लाने के लिए केंद्र का शुक्रिया अदा करते हुए पीड़ितों ने इसे संगठित मानव तस्करी के आपराधिक गठजोड़ को तोड़ने के लिए सरकार की ईमानदार कोशिश बताया. इस पत्र पर 1000 से ज्यादा पीड़ितों ने हस्ताक्षर किए हैं.

पत्र में कहा, ‘‘ हम लोकसभा में विधेयक पारित कराने के लिए सरकार का धन्यवाद करते हैं और अब हम आपसे गुजारिश करते हैं कि विधेयक को जल्द से जल्द राज्यसभा में पारित कराएं. हमने लंबे समय से इंतजार किया है और हम इसके लिए लड़ते रहेंगे लेकिन भारत को और इंतजार नहीं करना चाहिए.’’

पीड़ितों ने पत्र में कहा कि "अपनी जिंदगी के किसी निराशापूर्ण लम्हें में हमे बेहतर जिंदगी का लालच दिया जाता था और हमे जबरन अधिकार विहीन श्रमिक बना दिया जाता था . एक दुल्हन जिसके साथ बलात्कार किया गया, एक लड़की जिससे एक वस्तु की तरह बेच दिया गया, एक भिखारी, अंग निकाल लेना और न जाने क्या-क्या. सिर्फ पैसों के लिए मानव तस्करों ने हमें प्रताड़ित किया, हमे पीटा, हमें नशीली दवाइयां दी गईं , जानवरों की तरह हमें ठूंस कर ले जाया गया. हमारी हिम्मत को तोड़ने की हर मुमकिन चीज की गई."

उन्होंने कहा कि लेकिन हम बच गए, और इन त्रासदियों ने हमें मजबूत बनाया. हम इन सब जघन्य अपराधों के चश्मदीद हैं और हम चाहते हैं कि कोई और भारतीय इन सबसे ना गुजरे.

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