लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ यूपी में जारी हिंसा में मृतकों की संख्या बढ़ कर 11 हो गई है. पुलिस ने 160 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है. कई जिलों में इंटरनेट बंद है और प्रशासन हिंसा को रोकने की कोशिशें कर रहा है.


आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक बिजनौर में 2, संभल में 2, लखनऊ, कानपुर, फिरोजाबाद, मेरठ में एक-एक मौत हुई है. हर संवेदनशील ज़िले में सुरक्षा के इंतज़ाम बढ़ा दिए गए हैं.


लखनऊ समेत अन्य शहरों में पुलिस के अलावा पैरा मिलिट्री के जवानों की तैनाती की गई है. पूरे प्रदेश में 160 से अधिक लोगों को गिरफ़्तार किया गया है, वहीं सैकड़ों हिरासत में हैं.


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मेरठ, भदोही, बिजनौर, कानपुर, फ़िरोज़ाबाद, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा और शामली में अभी भी तनाव व्याप्त है. वहीं गोरखपुर, बुलंदशहर, सहारनपुर, बहराइच, हाथरस और मुजफ्फरनगर में स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है.


मेरठ में 24 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है वहीं गोरखपुर में 22, भदोही में 27, बिजनौर में 32, कानपुर में 40, फ़िरोज़ाबाद में 9 और मुजफ्फरनगर में 24 गिरफ्तारियां हुई हैं.


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अन्य शहरों में भी उपद्रवियों की गिरफ्तारियां हुई हैं लेकिन अभी आंकड़ा नहीं मिल सका है. लखनऊ, मेरठ, बुलंदशहर, सहारनपुर, बिजनौर, बहराइच, कानपुर, फ़िरोज़ाबाद, मुरादाबाद, शामली, हाथरस, अमरोहा, मुजफ्फरनगर, संभल में अभी भी इंटरनेट सेवा बन्द है.


नागरिकता संशोधन कानून पर मचे बवाल के चलते यूपी के कई शहरों में इंटरनेट सेवाएं बंद किये जाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गंभीर रुख अपनाते हुए यूपी सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब कर लिया है.


अदालत ने यूपी सरकार से अगले कार्यदिवस पर हलफनामे के ज़रिये अपना जवाब दाखिल करने को कहा है. हालांकि अदालत ने इंटरनेट सेवाएं फ़ौरन बहाल किये जाने का कोई आदेश नहीं दिया है.


मामले की सुनवाई कर रही चीफ जस्टिस कोर्ट ने इस मामले में तल्ख़ टिप्पणी करते हुए कहा है कि इंटरनेट आम लोगों की ज़िंदगी से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है और सेवाएं बंद होने से न सिर्फ कई ज़रूरी सेवाएं प्रभावित हुई हैं, बल्कि आम जन जीवन भी प्रभावित हुआ है.