ITBP केन्द्र में रखे गए सभी 112 लोगों में से किसी को कोरोना वायरस नहीं, सभी डिस्चार्ज
चीन के वुहान से 112 लोगों के इस दल को एक विशेष विमान से भारत लाया गया था. इस दल में 76 भारतीय और 36 विदेशी नागरिक थे.आईटीबीपी ने रातोरात अपने छावला स्थित कैंप को कोरांटीन सेंटर में तब्दील कर दिया था. 3 फरवरी को चीन के वुहान से पहले दल को यहां लाया गया था.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस से जुड़ी एक अच्छी खबर राजधानी दिल्ली के आईटीबीपी कोरांटीन सेंटर से आई है. यहां चीन से आए 112 भारतीय और विदेशी नागरिकों को निगेटिव पाएं जाने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है. इस मौके पर खुद गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय और आईटीबीपी के महानिदेशक भी मौजूद थे. ये सभी संदिग्ध लोग कोरोना वायरस के टेस्ट में निगेटिव पाए गए हैं.
आईटीबीपी के कोरांटीन (क्वारंटाइन) सेंटर से डिस्चार्ज होने के बाद 112 लोगों के इस दल ने भारत सरकार और आईटीबीपी का तहेदिल से धन्यवाद दिया. इस मौके पर एबीपी न्यूज से खास बातचीत में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सरकार की प्रतिबद्धती जताई. उन्होनें कहा कि भारत सरकार आईटीबीपी और दूसरे अर्द्धसैनिक बलों के साथ मिलकर कोरोना वायरस से पूरी तरह से निपटने के लिए तैयार हैं.
दल में 76 भारतीय और 36 विदेशी नागरिक थे
बता दें कि चीन के वुहान से 112 लोगों के इस दल को एक विशेष विमान से भारत लाया गया था. इस दल में 76 भारतीय और 36 विदेशी नागरिक थे. ये सभी देश के अलग अलग राज्यों सए ताल्लुक रखते हैं और अधिकतक चीन में मेडिकल के छात्र हैं. विदेशी नागरिकों में 23 बांग्लादेश, चीन से 6, बांग्लादेश से 23, म्यांमार और मालदीव प्रत्येक से 2, और संयुक्त राज्य अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका और मेडागास्कर से एक-एक नागरिक शामिल हैं. चीन में कोरोना वायरस फैलने के बाद सरकार ने राजधानी दिल्ली में दो कोरांटीन सेंटर बनाए थे. एक छावला स्थित आईटीबीपी कैंप में और दूसरा मानेसर में थलसेना द्वारा संचालित किया जाती है.
आईटीबीपी के प्रवक्ता, विवेक पांडेय के मुताबिक, इन 112 लोगों को पिछले 15 दिनों से यहां कोरांटीन करने के दौरान पूरी तरह से मेडिकल देखरेख में रखा गया था. छह मंजिला इस इमारत में 600 बेड की व्यवस्था है. इन सभी का एक बार इस कैंप में आने के बाद कोराना वायरस का टेस्ट किया गया था और एक चौदहवें दिन. दोनों देस्ट में निगेटिव पाए जाने के बाद ही इन्हें अपने घर और देश जाने की इजाजत दी गई है.
इस सेंटर में 518 लोगों को किया जा चुका है कोरांटीन
आईटीबीपी ने रातोरात अपने छावला स्थित कैंप को कोरांटीन सेंटर में तब्दील कर दिया था. 3 फरवरी को चीन के वुहान से पहले दल को यहां लाया गया था. अबतक इस सेंटर में 518 लोगों को कोरांटीन किया जा चुका है. इसी सेंटर में इटली के उस 21 नागरिकों के दल को लाया गया था जिसमें से 14 पॉजिटिव पाए गए थे. इस ग्रुप में उनके साथ एक भारतीय ड्राइवर भी था जो संक्रमित पाया गया था. इस पूरे ग्रुप को यहां से हॉस्पिटल इलाज के लिए भेज दिया गया था.
एबीपी न्यूज ने भी आईटीबीपी के इस कोरांटीन सेंटर को देखा. शुक्रवार को जिन 112 लोगों को यहां से डिस्चार्ज किया गया उन्हें तीन फ्लोर्स पर रखा गया है. एक फ्लोर पर चीन के वुहान से आए लोग हैं. एक फ्लोर पर महिलाएं और बच्चे हैं. एक मंजिल पर चीन के दूसरे प्रांत से आए भारतीयों को रखा गया है. ये दरअसल ये एक नई बिल्डिंग है जिसे आईटीबीपी के जवानों के बैरक (रहने की जगह) के लिए तैयार किया गया था. ये बिल्डिंग हिमवीर-आवास के नाम से जानी जाती है. लेकिन उदघाटन से पहले ही इसे कोरोना वायरस के संदिग्ध लोगों के कोरांटीन सेंटर में तब्दील कर दिया गया.
कोरांटीन सेंटर के बारे में जानें
इस कोरांटीन सेंटर में तीन-तीन बेड के ब्लॉक बने हैं. हर बेड में एक से दो मीटर का फासला है. सभी डेटेनीज़ को हमेशा मास्क लगाकर रखना होता है. मास्क सिर्फ खाना खाने के वक्त ही हटा सकते हैं. यहां रहने वाले लोगों को एक दूसरे से बात करते समय भी एक फासला बनाए रखने की हिदायत मिली हुई है. समय समय पर मेडिकल चेक-अप भी होता है. इस दौरान एबीपी न्यूज ने इस सेंटर में कार्यरत डॉक्टर्स और दूसरे स्टाफ से बात की. आईटीबीपी के डॉक्टर्स का मानना है कि पैरामिलिट्री फोर्स और सेना को हर तरह की इमरजेंसी और जोखिम में काम करने की ट्रेनिंग मिलती है. इसीलिए वे सभी बिना किसी डर और भय के अपनी सेवाएं इस कोरांटीन सेंटर में दे रहे हैं.
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