भोपाल: आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग के खिलाफ प्रदर्शन कर मांग की है कि मध्य प्रदेश के 116 बीजेपी विधायकों की सदस्यता लाभ के पद पर होने की वजह से खत्म किया जाए. बता दें कि चुनाव आयोग ने आप के 20 विधायकों की सदस्ता लाभ के पद पर होने की वजह से रद्द कर दी है.
कार्यकर्ताओं ने आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल के नेतृत्व में चुनाव आयोग के खिलाफ प्रदर्शन किया. पार्टी ने चुनाव अधिकारी को ज्ञापन देकर मांग की कि मध्य प्रदेश की वर्तमान विधानसभा के 116 विधायकों की सदस्यता लाभ के पद पर होने की वजह से रद्द की जाए.
आलोक अग्रवाल ने कहा, ‘‘चुनाव आयोग ने दिल्ली में बहुत जल्दी कार्रवार्इ की. अब मध्य प्रदेश में भी इसी तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए. लेकिन लगता है कि यहां वो तेजी दिखाई नहीं देगी, क्योंकि अगर सही कार्रवाई की गई तो मध्य प्रदेश की सरकार ही नहीं बचेगी. दिल्ली की सरकार पर तो चुनाव आयोग की कार्रवाई का कोई फर्क नहीं पड़ा है.’’ अग्रवाल ने दावा किया कि आम आदमी पार्टी ने 4 जुलाई 2016 को ही लाभ के पद पर आसीन मौजूदा 116 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की शिकायत सबूतों के साथ की थी.
अग्रवाल ने आरोप लगाया कि प्रदेश की वर्तमान विधानसभा में 116 विधायक ऐसे पद पर हैं, जो लाभ के पद के दायरे में आता है. विधायक जैसे संवैधानिक पदों पर रहते हुए संविधान और कानून का खुला उल्लंघन गंभीर विषय है.
हालांकि, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय ने कहा, ‘‘दिल्ली में चुनाव आयोग के कार्रवाई के चलते आप में हताशा है. मध्यप्रदेश में कोई भी विधायक लाभ के पद पर नहीं है. इसलिए उनके आरोपों को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए.’’
बता दें कि रविवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चुनाव आयोग की सिफारिश पर लाभ के पद पर होने के कारण दिल्ली के आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को सदस्यता रद्द कर दी थी.
क्या है लाभ का पद?
लाभ के पद की व्याख्या संविधान में की गयी है और उसका किसी भी कीमत पर उल्लंघन नहीं होना चाहिए. संविधान के अनुच्छेद 102 (1) (ए) और आर्टिकल 19 (1) (ए) में इसका उल्लेख किया गया है.