दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 कॉलेज के स्टाफ की अटकी सैलरी, विरोध में DUTA ने यूनिवर्सिटी की शटडाउन
ये सभी कॉलेज दिल्ली सरकार के जरिए 100 फीसदी वित्त पोषित हैं लेकिन पिछले एक साल से ग्रांट देने में भारी देरी हो रही है, जिसके चलते शिक्षकों की सैलरी पर भी असर देखने को मिल रहा है.
नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी के 12 कॉलेज में टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ को वेतन न मिलने के चलते दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (DUTA) ने यूनिवर्सिटी शटडाउन कर दी है. DUTA ने मंगलवार को हुई अपनी बैठक में ये फैसला लिया. दरअसल, पिछले कई महीनों से डीयू के 12 कॉलेज के टीचर्स और नॉन-टीचिंग स्टाफ अपनी वेतन की लड़ाई लड़ रहे हैं.
ये सभी कॉलेज दिल्ली सरकार के जरिए 100 फीसदी वित्त पोषित हैं लेकिन पिछले एक साल से ग्रांट देने में भारी देरी हो रही है, जिसके चलते शिक्षकों की सैलरी पर भी असर देखने को मिल रहा है. इसी के साथ अपने प्रदर्शन को आगे बढ़ाने के लिए और प्रशासन तक स्टाफ की आवाज पहुंचाने के लिए 15 मार्च को DUTA केजरीवाल आवास तक अधिकार रैली निकलेगा. इसके बाद 18 मार्च को उपराज्यपाल के ऑफिस तक पैदल मार्च की तैयारी DUTA की ओर से की जा रही है.
टीचिंग और फॉर्मल कार्य बंद
DUTA के अध्यक्ष राजिंदर रे ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में बताया की इस पूरे शटडाउन में सभी टीचिंग और फॉर्मल कार्य बंद हैं. केवल नॉन-टीचिंग कुछ कार्य हैं जो जारी हैं. ग्रांट कम आने के चलते टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ की सैलरी पर असर नहीं पड़ना चाहिए. लोगों के हेल्थ बिल हैं, कोरोना जैसा मुश्किल दौर चल रहा है, ऐसे में पिछले कई दिनों से हम लोग सैलरी को लेकर मांग कर रहें हैं लेकिन इसकी भी सुनवाई नहीं हो रही है.
उन्होंने कहा कि 15 मार्च को मुख्यमंत्री आवास तक जाएंगे. उसके बाद उपराज्यपाल के ऑफिस तक जाएंगे, तब तक शटडाउन जारी रहेगा. इसके बाद भी हमारी मांगे नहीं सुनी गईं तो एक बार फिर बैठक करेंगे, जिसमें आगे की योजना तय होगी. उनका कहना है कि हम छात्रों पर कोई असर नहीं आने दे रहे हैं. फर्स्ट ईयर की क्लास अभी 5 तारीख को खत्म हुई है. जिसके बाद ही हमने ये फैसला लिया है लेकिन बिना सैलरी के टीचर्स और नॉन-टीचिंग स्टाफ का मनोबल टूट रहा है. दिल्ली सरकार को जल्द ही इस का स्थाई हल निकालना होगा.