Kuno National Park: नामीबिया से आठ चीतों के बाद अब एक बार फिर 12 और चीते दक्षिण अफ्रीका से भारत पहुंचे हैं. शनिवार ( 18 फरवरी) को दक्षिण अफ्रीका से चीतों का समूह भारतीय एयर फोर्स की C-17 ग्लोबमास्टर फ्लाइट से ग्वालियर में उतरा. आवश्यक मंजूरी के बाद इन सभी को एम-17 हेलीकॉप्टर से शनिवार को कूनो नेशनल पार्क ले जाया जाएगा. 


मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव द्वारा चीतों को बाड़ों से पार्क में छोड़ेंगे. इन चीतों को लाए जाने से लेकर इन्हें पार्क में छोड़े जाने तक की पूरी जानकारी देते हैं.



  1. 12 चीतों में 5 मादा चीता हैं. भारत और दक्षिण अफ्रीका ने जनवरी 2022 में समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए थे. दक्षिण अफ्रीका के वन विभाग ने बताया कि इतिहास में पहली बार दक्षिण अफ्रीका से चीते भारत पहुंचे हैं. 

  2. दक्षिण अफ्रीका के वन विभाग ने ट्विटर पर कई ट्वीट करके चीतों को ग्लोबमास्टर में लोड किए जाने की जानकारी दी. इन चीतों को रास्ते में ड्रिप से हाईड्रेट किया गया और उनकी कॉलर फिटिंग भी चेक की गई. भारतीय वायु सेना का C-17 ग्लोबमास्टर कॉर्गो विमान इन चीतों को दक्षिण अफ्रीका से लेकर ग्वालियर एयर पोर्ट उतरा. इनमें 5 माता और 7 नर चीते हैं. इसके बाद कूनो नेशनल पार्क में अब 20 चीते हो जाएंगे. 

  3. भूपेंद्र यादव ने पीटीआई को बताया कि चीतों के नेशनल पार्क में दस संगरोध बोमा बनाए गए हैं. कूनो में 20 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय चीता विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों, पशु चिकित्सकों और वन अधिकारियों के साथ एक परामर्श कार्यशाला आयोजित की जाएगी.

  4. महत्वाकांक्षी चीता कार्यक्रम के तहत, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 17 सितंबर को अपने 72 वें जन्मदिन पर नामीबिया से कूनो में एक पांच मादाओं सहित आठ चित्तीदार बिल्लियों को पहली बार छोड़ा था.

  5. भारत में अफ्रीकी चीता प्रोजेक्ट' की कल्पना 2009 में की गई थी. एक दशक से अधिक समय तक यह योजा साकार नहीं हो सकी. इसके पहले नवंबर 2021 तक चीतों को लाए जाने योजना को कोविड-19 महामारी के कारण झटका लगा था.


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