नई दिल्ली: कोरोना महामारी की त्रासदी के बीच विपक्ष के एक दर्जन प्रमुख नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी को एक बार फिर साझा चिट्ठी लिख कर मुफ्त टीकाकरण से लेकर बेरोजगारों को 6 हजार रुपए महीने देने की मांग की है. विपक्षी दलों की तरफ से लिखे गए पत्र में यह कहा गया कि सभी उपलब्ध स्त्रोतों (वैश्विक और घरेलू) से वैक्सीन की खरीद करें. इसके साथ ही, घरेलू वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अनिवार्य लाइसेंस की व्यवस्था को खत्म करें.


विपक्ष ने साझा चिट्ठी में सरकार से ये मांग की हैं-  


केंद्रीय स्तर पर टीकों की खरीद कर सबको मुफ्त टीका लगाने का अभियान शुरू करे


अनिवार्य लाइसेंसिंग के जरिए घरेलू टीके का उत्पादन बढ़ाए


बजट में आवंटित 35 हजार करोड़ रुपए टीकाकरण पर खर्च किया जाए


सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को रोक कर उसके आवंटित राशि को ऑक्सिजन और टीके पर खर्च करे


पीएम केयर में जमा राशि जारी कर ऑक्सिजन, टीका, दवाई, मेडिकल उपकरण के मद में खर्च करे


सभी बेरोजगारों को 6 हजार रुपए प्रति माह दे 


जरूरतमंदों को मुफ्त अनाज दिया जाए


कोरोना का शिकार बन रहे आंदोलनकारी किसानों की सुरक्षा के लिए कृषि सुधार कानूनों को रद्द करे


विपक्षी नेताओं ने सरकार से अपने सुझावों पर जवाब देने का भी अनुरोध किया है. साथ ही यह आरोप भी लगाया है कि सरकार ने इससे पहले दिए गए सुझावों को नजरअंदाज कर दिया. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ ममता, उद्धव, हेमंत सोरेन, स्टॅलिन जैसे मुख्यमंत्रियों की ओर से यह चिट्ठी भेजी गई है. जम्मू कश्मीर पीपल्स अलायंस की तरफ से फारूक अब्दुल्ला, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, सीपीआई महासचिव डी राजा और सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी भी चिट्ठी भेजने वाले नेताओं में शामिल हैं. इस महीने की शुरुआत में भी कोरोना महामारी को लेकर विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी थी. पिछली चिट्ठी में मायावती का नाम भी शामिल था जो इस बार नहीं है.