Supreme Court News: कर्नाटक के रहने वाले 18 साल के एक लड़के ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका लगाई है कि उसके 12वीं के मार्क्स 97.83 प्रतिशत से बढ़ाकर 99 प्रतिशत कर दिए जाएं. इस मामले को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार और राज्य परीक्षा विभाग के अधिकारियों से जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता खालोन देवैया ने दलील दी है कि एडमिशन के लिए इतने मार्क्स जरूरी हैं, क्योंकि प्रतिष्ठित कॉलेजों में एडमिशन का कट-ऑफ बहुत ज्यादा है. 


बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक के खालोन देवैया नाम के स्टूडेंट ने 12वीं की बोर्ड परीक्षा में लगभग 98 प्रतिशत अंक हासिल किए थे. जब वैल्यूएशन के बाद उसने अपनी आंसर शीट्स देखी तो उसे पता चला कि उसे एक प्रतिशत अंक और मिलने की गुंजाइश है. 


किस सबजेक्ट में मिले कितने मार्क्स


दरअसल, उसे 2022 में हुई प्री-यूनिवर्सिटी परीक्षा में इंग्लिश में 90, कन्नड़ में 98, बायोलॉजी में 99 नंबर मिले थे और फिजिक्स, कैमिस्ट्री और मैथ्स में उसे पूरे 100 मार्क्स मिले थे. उसका कहना है कि बाद में उसे पता चला कि बायोलॉजी में उसे एक नंबर कम मिला है और इंग्लिश में करीब 5.5 नंबर और मिल सकते है. इसी को लेकर उसने बोर्ड से इसे लेकर शिकायत की थी. 


हाई कोर्ट ने खारिज की थी याचिका


जब अधिकारियों की तरफ इस मामले में देरी की गई तो छात्र ने हाई कोर्ट में इसे लेकर याचिका दायर की. हाईकोर्ट ने बोर्ड से स्टेटस रिपोर्ट मांगी. बोर्ड ने मामले में नंबर बढ़ाने को लेकर मना कर दिया था. इसके बाद छात्र खालोन ने फिर से अवमानना ​​याचिका दायर की और कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया. अब सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है. 


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