नई दिल्ली: कर्नाटक का सियासी नाटक हर पल बदलता जा रहा और अभी स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पायी है. 13 विधायकों के इस्तीफे देने की खबर है लेकिन विधानसभा स्पीकर ने कहा है कि उनके पास इस्तीफा आय़ा ही नहीं. स्पीकर ने कहा कि जब तक सभी विधायक व्यक्तिगत रूप से मिलकर इस्तीफा नहीं देते, इसे इस्तीफा नहीं माना जाएगा.


बता दें कि कांग्रेस के दस, जेडीएस के तीन और दो निर्दलीय बागी हुए हैं. लड़ाई मंत्री पद की बताई जा रही है. कुर्सी बचाने के लिए गठबंधन सरकार के सारे मंत्रियों ने इस्तीफे दे दिए हैं. मंत्री पद का ऑफर देकर बागी विधायकों को मनाने की कोशिश भी चल रही है.


इस बीच इस्तीफा देने वाले विधायकों को लेकर एक और बड़ी खबर सामने आई है. इन विधायकों को मुंबई से निकाल कर पुणे के पास किसी अज्ञात जगह ले जाया गया है. पहले खबर आई थी कि इन्हें मुंबई से निकाल कर गोवा भेजा जाएगा. इस्तीफा देने वाले इन 13 विधायकों में 10 कांग्रेस के, तीन जेडीएस के हैें. दो निर्दलीय विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस लेने का एलान किया है.


कर्नाटक के मुद्दे की गूंज लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी सुनाई दी. राज्यसभा की कार्रवाई शुरू होते ही टीएमसी और कांग्रेस के सांसदों ने कर्नाटक के घटना कार्यक्रम को लेकर हंगामा करना शुरू कर दिया. कांग्रेस कर्नाटक पर और टीएमसी स्थगन प्रस्ताव देकर चर्चा की मांग कर रही है. हंगामा करते हुए दोनों पार्टियां चेयर के पास वेल में पहुंच गईं. इस विषय पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कहा कि कांग्रेस अपने घर को संभाल नहीं पा रही है और इस मुद्दे को लेकर सदन का दुरुपयोग कर रही है. ये गलत है.


वेट एंड वॉच की स्थिति में है बीजेपी
इस बीच कर्नाटक की राजनीति में बीजेपी का खेमा सरकार बनाने को लेकर आत्मविश्वास से भरा नजर आ रहा है. वहीं गठबंधन सरकार अपने विधायकों को वापस बेंगलुरु बुलाने की कोशिश में कैबिनेट के सारे मंत्रियों का इस्तीफा ले चुकी है. वहीं जेडीएस के विधायकों को बेंगलुरु के देवनहल्ली स्थित रिसॉर्ट ले जाया गया है ताकि और तोड़ से बचा जा सके.


क्या है कर्नाटक का नंबर गेम?
कांग्रेस के 78 में से 10 विधायकों ने इस्तीफा दिया, जेडीएस के 37 में से 3 विधायकों ने इस्तीफा दिया है. दोनों निर्दलीय विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस लेने का ऐलान किया. पहले कुमारस्वामी सरकार के पास 118 विधायकों का समर्थन था, अब ये घटकर 103 हो गया है.


इसके बाद गठबंधन सरकार अल्पमत में दिख रही है. दोनों निर्दलीय विधायक बीजेपी का समर्थन करने को तैयार हैं. बीजेपी के पास संख्या बल 107 विधायकों का हो गया है. इस्तीफा स्वीकार होने के बाद सरकार बनाने के लिए 106 मैजिक नंबर होगा.