उज्जैन: मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में जहरीली शराब पीने से 36 घंटों में 14 लोगों की मौत हो गई. इस मामले में पुलिस ने लगभग एक दर्जन लोगों को हिरासत में लिया है जबकि तीन मुख्य संदिग्ध फरार बताए जा रहे हैं.


उज्जैन में बुधवार सुबह से मौत का सिलसिला शुरू हुआ था जो गुरुवार रात तक चलता रहा. एक के बाद एक श्रमिक वर्ग के 14 लोगों की मौत हो गई. सभी की जहरीली शराब पीने से मौत हुई है. इस मामले में 4 मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी आ गई है. डॉ जितेंद्र शर्मा के मुताबिक मृतकों के शरीर में अल्कोहल पाई गई है.


पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि झिंझर नामक जहरीली शराब पीने की बात सामने आ रही है.  इस मामले में लगभग एक दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया है.


पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह के मुताबिक घटना में संदिग्ध सिकंदर, युनूस, गब्बर सहित अन्य लोगों की तलाश में मध्यप्रदेश और राजस्थान के कई शहरों में छापामार कार्रवाई की जा रही है.


दूसरी तरफ उज्जैन के जिलाधीश आशीष सिंह ने बताया कि दोषियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी. सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा भी पूरे मामले की जांच करवाई जा रही है.


उज्जैन के अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी नरेंद्र सूर्यवंशी के नेतृत्व में गुरुवार को दवा बाजार में छापामार कार्रवाई की गई. इस दौरान स्प्रिट भी जब्त की गई. एडीएम ने दवा बाजार की दुकान को सील कर दिया है. बताया जाता है कि झिंझर नामक जहरीली शराब बनाने के लिए स्प्रिट का इस्तेमाल भी किया जाता है.


झिंझर माफियाओं के घर पर ताले लटके
उज्जैन में 14 लोगों की मौत के बाद पुलिस ने झिंझर बेचने वालों के खिलाफ अभियान चला दिया है. इस दौरान कई लोगों की धरपकड़ भी की गई है. महाकाल मंदिर से कुछ ही दूरी पर स्थित कहारवाड़ी इलाका झिंझर बेचने के लिए बदनाम है. यहां पर कुछ लोगों के खिलाफ झिंझर बेचने की शिकायत भी मिलती आई है. इस घटना के बाद उन लोगों के घरों पर भी ताले लटके हैं.


मृतकों में से अधिकांश मजदूरी की तलाश में उज्जैन आए थे
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रुपए द्विवेदी ने बताया कि जिन लोगों की मौत हुई है उनमें से अधिकांश बाहर के रहने वाले हैं. वे मजदूरी की तलाश में उज्जैन आए थे. यहां पर मजदूरी कर अपना जीवन यापन कर रहे थे.  इस दौरान यह घटना घटित हो गई. द्विवेदी ने बताया कि मरने वालों में कुछ की तो अभी तक शिनाख्त नहीं हो पाई है.


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