दिल्ली की सांसों पर चलेगी आरी, विकास के नाम पर काटे जाएंगे 14 हजार पेड़
दक्षिणी दिल्ली में पेड़ काटे जाने के फैसले का स्थानीय लोग भी विरोध कर रहे हैं. एक महिला ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा कि हमलोग विरोध के अलावा क्या कर सकते हैं. चारों तरफ कंक्रीट का जंगल खड़ा किया जा रहा है.
नई दिल्ली: दिल्ली की प्रदूषित होती हवा की खबरों के बीच दक्षिण दिल्ली में करीब 14 हजार पेड़ विकास की भेंट चढ़ने वाले हैं. दक्षिण दिल्ली के सात स्थानों पर पुनर्निर्माण के प्रोजेक्ट के लिए पेड़ काटे जाएंगे. सात जगहों में दक्षिण दिल्ली का सरोजनी नगर, नेताजी नगर, नैरोजी नगर, कस्तूरबा नगर, मुहम्मदपुर, श्रीनिवासपुरी और त्यागराज नगर शामिल है. हजारों पेड़ो की कटाई के ताजा मामले को पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने आत्मघाती बताया है. पहले 17 हजार पेड़ काटे जाने की खबर थी.
दरअसल, NBCC और CPWD नाम की सरकारी एजेंसियां बड़े स्तर पर निर्माण कार्य कर रहे हैं. ये प्रोजेक्ट कुछ वक्त पहले ही शुरू हुए थे जिसे 2022 तक पूरा होना है. इनमें सबसे खास है नैरोजी नगर में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की तर्ज पर बनने वाले बनने 12 टावर. इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों के लिए आवास बनाई जाएगी. लेकिन इस विकास की कीमत पर्यावरण को चुकानी पड़ रही है.
आंकड़ों के मुताबिक, सरोजनी नगर में 8,322; नेताजी नगर में 2,315; नैरोजी नगर में 1465; कस्तूरबा नगर में 723; मुहम्मदपुर में 363; त्यागराज नगर में 93, श्रीनिवासपुरी में 750 पेड़ काटे जाएंगे. कुल आंकड़ा 14,031 है. सरकारी दावा ये है कि इनकी जगह डेढ़ लाख पेड़ लगाए जाएंगे.
I am a little surprised at the distortion around our city’s green cover.
We are planting more than 15000 trees in these 7 colonies & another 1,50,000 more in other areas of city. At no time will there be lesser trees than there currently are. (1/2) pic.twitter.com/wbRetZWgKm — Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) June 23, 2018
पेड़ काटे जाने के फैसले का स्थानीय लोग भी विरोध कर रहे हैं. एक महिला ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा कि हमलोग विरोध के अलावा क्या कर सकते हैं. चारों तरफ कंक्रीट का जंगल खड़ा किया जा रहा है. शहरी विकास मंत्री हरदीप पूरी ने हालांकि कहा है कि 17 हजार पेड़ कटने की खबर गलत है. पेड़ केवल 14 हजार कट रहे हैं. अपने तरीके से समझा भी रहे हैं कि कैसे नया प्रोजेक्ट ग्रीन एरिया बढ़ा देगा.
सात में तीन जगहों का प्रजेक्ट सरकारी कम्पनी NBCC के पास है. कम्पनी के अधिकारियों का कहना है कि जो 14 हजार पेड़ काटे जाएंगे 3 हजार ऐसे पेड़ हैं जिनकी उम्र 2 साल से कम हैं. तो एक हजार पेड़ों की उम्र ज्यादा हो गई. 500 के करीब कीकर के पेड़ हैं जिनको हटाना जरूरी ही है. कम्पनी को दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग की मंजूरी मिल चुकी है. ये मंजूरी दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग ने दी है. प्रोजेक्ट केंद्र सरकार का है. NBCC का दावा है कि जितने पेड़ काटे जाएंगे उसका दस गुना पेड़ लगाया जाएगा.