India China Border Row: भारत-चीन की सेनाओं के बीच 14वें दौर की हुई बैठक, हॉट स्प्रिंग पर नहीं बनी बात
भारत (India) चीन (China) की सेनाओं के बीच 14वें दौर की वार्ता में कोई सफलता नहीं मिली. दोनों पक्ष करीबी संपर्क बनाए रखने और बचे हुए मुद्दों के जल्द समाधान के लिए बातचीत जारी रखने को सहमत हुए.
India China Border Meeting: भारत (India) और चीन (China) के मिलिट्री कमांडर्स (Military Commanders) के बीच 14वें दौर की मीटिंग में एलएसी (LaC) के हॉट स्प्रिंग (Hot Spring) विवाद इलाकों को लेकर अभी कोई सहमति नहीं बनी है. हालांकि, मीटिंग के बाद दोनों देशों ने साझा बयान जारी कर जल्द ही विवादित मुद्दे पर अगली बैठक (Meeting) बुलाने पर सहमति जताई है.
बुधवार को करीब 13 घंटे चली मैराथन बैठक के बाद गुरूवार को भारत और चीन ने साझा प्रेस रिलीज जारी की. साझा बयान में कहा गया कि दोनों देश "संपर्क में रहने के लिए तैयार हो गए हैं, और मिलिट्री और डिप्लोमैटिक चैनल के माध्यम से बातचीत बनाए रखने के साथ जल्द से जल्द सभी विवादित मुद्दों का मिलकर समाधान निकालने पर पर सहमत हो गए हुए हैं." इसके अलावा बयान में बताया गया कि बुधवार की मीटिंग में इस बात पर भी सहमति बनी कि कमांडर्स की वार्ता का अगला दौर जल्द से जल्द आयोजित किया जाएगा.
पिछले 20 महीने से पूर्वी लद्दाख से सटी लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच चल रहे विवाद को खत्म करने के लिए बुधवार भारत और चीन के सैन्य कमांडर्स के बीच 14वें दौर की मीटिंग मोल्डो-चुशूल में चीनी इलाके में हुई थी. सुबह 9.30 बजे शुरू हुई मीटिंग रात 10.30 तक चली थी. मीटिंग में एलएसी के आखिरी विवादित इलाके, हॉट स्प्रिंग के पैट्रोलिंग प्वॉइंट (पीपी) नंबर 15 को लेकर चर्चा हुई थी. क्योंकि पिछले डेढ़ साल से चल रहे विवाद में पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी, फिंगर एरिया, कैलाश हिल रेंज, गोगरा और कोंगरा-ला सहित अधिकतर विवादित इलाकों में डिसइंगेजमेंट हो गया है, लेकिन हॉट स्प्रिंग को लेकर विवाद जारी है.
गुरूवार को भारत और चीन ने जो साझा बयान जारी किया उसमें कहा गया कि दोनों देशों के सैन्य और राजनियक प्रतिनिधियों ने 14वें दौर की मीटिंग में एलएसी के जरूरी मुद्दों पर मित्रता-पूर्ण और गहनता से चर्चा की थी. दोनों देश ये मानने के लिए तैयार हो गए हैं कि इस तरह की बातचीत से एलएसी पर शांति बरकरार रहेगी और दोनों देशों के आपसी संबंधों में सुधार होगा. दोनों पक्ष पिछले मीटिंग की सफलताओं को और अधिक मजबूत करने और सर्दियों के मौसम में एलएसी पर स्थिरता बनाए रखने के लिए तैयार हो गए हैं. मीटिंग में इस बात पर भी सहमति बनी कि दोनों देशों के राजनैतिक-नेतृत्व द्वारा सुझाए गए कदमों का पालन करते हुए बाकी बचे मुद्दों का समाधान किया जाए.
जिस वक्त पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर ये मीटिंग चल रही थी उसी दौरान थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे राजधानी दिल्ली में सालाना प्रेस कॉफ्रेंस संबोधित कर रहे थे. मीडिया को वर्चयुल संबोधित करते हुए जनरल नरवणे ने उम्मीद जताई थी कि आखिरी विवादित इलाके, हॉट-स्प्रिंग के पैट्रोलिंग प्वाइंट यानि पीपी-15 पर 14वें दौर की वार्ता में चर्चा की जा रही है ताकि इसे भी सुलझा लिया जाए. हालांकि, उन्होनें ये भी कहा था कि जरूरी नहीं है कि हर बैठक में कोई हल निकले. साथ ही कहा था कि "महत्वपूर्ण ये है कि भारत और चीन बात कर रहे हैं." ये बातचीत कई स्तर पर चल रही है, जिसमें सैन्य कमांडर्स से लेकर राजनियक तक शामिल हैं.
जनरल नरवणे ने ये भी कहा था कि हॉट स्प्रिंग के बाद डेपसांग (और डेमचोक) जैसे विवादित इलाकों को सुलझाने की कोशिश की जाएगी जो मौजूदा विवाद से पहले से दोनों देशों की सेनाओं के बीच में रहे है. अरूणाचल प्रदेश में चीनी सेना की गतिविधियों कों लेकर थलसेना प्रमुख ने कहा था कि जब तक भारत और चीन के बीच सीमा विवाद नहीं सुलझता है, एलएसी पर विवाद होते रहेंगे. उन्होनें कहा कि सीमा विवाद दोनों देशों के संबंधों में कांटे की तरह चुभता रहेगा.
हालांकि, गुरूवार को चीन के विदेश मंत्रालय ने थलसेना प्रमुख के इस बयान पर आपत्ति जताई थी कि एलएसी पर चीन से खतरा बरकरार है. चीन के सरकारी मीडिया ने ये भी आरोप लगाया था कि भारत के साथ मीटिंग इसलिए सफल नहीं हो रही हैं क्योंकि अमेरिका दोनों देशों (भारत और चीन ) के बीच दरार पैदा कर रहा है.
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