West Bengal By-Polls: पश्चिम बंगाल विधानसभा उपचुनाव के लिए राज्य में तैनात होंगी सेंट्रल फोर्स की 15 कंपनियां
West Bengal By-Elections: चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक, राज्य की तीन विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए सेंट्रल फोर्स की 15 कंपनियां तैनात की जाएंगी.
West Bengal News: पश्चिम बंगाल की तीन विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के मद्देजर राज्य में सेंट्रल फोर्स की 15 कंपनियों को तैनात किया जाएगा. चुनाव आयोग के सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी. राज्य की तीन विधानसभा सीटों पर 30 सितंबर को उपचुनाव होंगे. नतीजे 3 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे. पश्चिम बंगाल की भवानीपुर, जंगीपुर और समसेरगंज विधानसभा सीट पर 30 सितंबर को ही उपचुनाव के लिए वोटिंग होगी. सबसे ज्यादा चर्चा में भवानीपुर सीट है क्योंकि यहां से टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उम्मीदवार हैं.
बता दें कि विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में हिंसा की खबरें सामने आई थीं. इसको लेकर मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने राज्य सरकार को निशाने पर लिया. ये मामला कोर्ट तक पहुंचा और अभी सीबीआई जांच कर रही है और कई नेताओं से पूछताछ कर चुकी है. केंद्र सरकार ने भी हिंसा की जांच के लिए एक केंद्रीय टीम को बंगाल भेजा थ, जिसने अपनी रिपोर्ट भी सरकार को सौंपी थी. इस रिपोर्ट में रेप जैसी घटनाओं का जिक्र था. हालांकि, चुनाव के बाद राज्य में हुई हिंसा के आरोपों को पश्चिम बंगाल की सरकार सिरे से खारिज करती रही है.
15 companies of Central forces will be deployed for area domination ahead of West Bengal by-polls: Election Commission Sources
— ANI (@ANI) September 14, 2021
भवानीपुर सीट पर इस बार बनर्जी के खिलाफ बीजेपी की प्रियंका टिबरेवाल और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के श्रीजीब विश्वास उम्मीदवार हैं. टिबरेवाल ने एंटाली से विधानसभा चुनाव लड़ा था और हार गई थी. विश्वास अभी राजनीति में नए हैं. ममता बनर्जी के लिए यह मौका न केवल नंदीग्राम में हुई अपनी हार का बदला लेने का है बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में विपक्ष के भविष्य को आकार देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में उनकी बड़ी महत्वाकांक्षा से भी जुड़ा है.
कांग्रेस ने शुरुआती हिचकिचाहट के बाद ममता बनर्जी के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारने और प्रचार से दूर रहने का फैसला किया. ममता बनर्जी ने 2011 और 2016 के विधानसभा चुनाव में दो बार भवानीपुर सीट से जीत दर्ज की थीं लेकिन इस साल के विधानसभा चुनाव में उन्होंने नंदीग्राम सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया था.
मुख्यमंत्री के रूप में बने रहने के लिए संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप बनर्जी को 5 नवंबर तक राज्य विधानसभा में एक सीट जीतना आवश्यक है. संविधान किसी राज्य विधायिका या संसद के गैर-सदस्य को केवल छह महीने के लिए चुने बिना मंत्री पद पर बने रहने की अनुमति देता है. नंदीग्राम में ममता बनर्जी की हार के बाद, राज्य के कैबिनेट मंत्री और भवानीपुर से तृणमूल कांग्रेस विधायक सोवनदेव चट्टोपाध्याय ने अपनी सीट खाली कर दी थी ताकि इस सीट से मुख्यमंत्री चुनाव लड़ सके.