Union Home Minister Amit Shah Told Achievement: मध्य प्रदेश के भोपाल शहर में सोमवार को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में केंद्रीय क्षेत्रीय परिषद की बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में रखे गए 18 में से 15 मुद्दों का तत्काल समाधान कर दिया गया. अमित शाह ने इस उपलब्धि बताया है. इसके साथ ही कहा कि 2009 के मुकाबले अब देश में वामपंथी उग्रवाद की घटनाएं कम हो गई हैं. यहां उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग नेटवर्क विस्तार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर सभी गांवों के पांच किलोमीटर के भीतर बैंकिंग सुविधाओं की प्रगति पर चर्चा की. इसके साथ ही महिला हेल्प लाइन नंबर 181 और चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर 1098 के साथ पुलिस हेल्प लाइन नंबर 112 के निर्बाध एकीकरण और महिलाओं से संबंधित मामलों को वास्तविक समय के आधार पर 'सखी-वन स्टॉप सेंटर' में स्थानांतरित करने पर भी चर्चा की.
बैठक के दौरान परिषद को बताया गया कि रायपुर में हुई 22वीं बैठक में भारत सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा धान के भंडारण में होने वाले नुकसान एवं लाभ के लिए संशोधित मापदंड जारी कर दिये हैं. केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के संस्थानों पर गेहूं और चावल फसल पर समान रूप से लागू होगा. इसके बाद राज्य के होमगार्डों को अनुदान जारी करने और भोपाल-इंदौर और रायपुर हवाईअड्डों को अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा घोषित करने के मुद्दे पर भी चर्चा की गई. यहां अमित शाह ने कहा, ‘केंद्रीय क्षेत्रीय परिषद की पिछली बैठक में 30 मुद्दों पर चर्चा हुई. जिनमें से 26 मुद्दों का समाधान कर दिया गया. 17 जनवरी 2022 को हुई स्थायी समिति की 14वीं बैठक में 54 में से 36 मुद्दों का समाधान किया गया था. आज की बैठक में कुल 18 मुद्दों में से 15 का समाधान कर दिया गया है. जो एक बड़ी उपलब्धि है.’
वामपंथी उग्रवाद पर उन्होंने कहा कि 2009 में वामपंथी चरमपंथी हिंसा अपने चरम पर थी. तब वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं की संख्या 2,258 थी. जो 2021 में घटकर सिर्फ 509 तक ही रह गई है. 2019 के बाद से वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं में तेजी से कमी आई है. 2009 में 1,005 लोग मारे गए थे. जबकि 2021 में 147 लोग मारे गए. पुलिस थानों में वामपंथी चरमपंथी हिंसा 2009 में 96 थीं. जबकि 2021 में घटकर 46 हो गई. जानकारी देते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों को मजबूत करने का काम किया जा रहा है. खामियों को दुरुस्त किया जा रहा है. पिछले तीन सालों में 40 नए सुरक्षा कैंप खोले गए हैं. जबकि अभी 15 सुरक्षा कैंप और खोले जाएंगे. यह भी एक बड़ी उपलब्धि है क भारत सरकार राज्यों के साथ वामपंथी उग्रवाद की समस्या को पूरी तरह से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है. केंद्रीय गृह मंत्री ने केंद्रीय क्षेत्रीय परिषद में शामिल राज्यों के मुख्यमंत्रियों और मुख्य सचिवों को भी कहा कि वे हर महीने परिषद की बैठक में उठाए गए मुद्दों की नियमित निगरानी करें ताकि इन मुद्दों को तेजी से हल किया जा सके.
उप्र और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री वर्चुअल हुए शामिल
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बैठक में शामिल हुए. जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल वर्चुअल रूप से बैठक में शामिल हुए. इस दौरान परिषद के सदस्य, राज्यों के वरिष्ठ मंत्री, केंद्रीय गृह सचिव, अंतर्राज्यीय परिषद सचिवालय के सचिव, राज्यों के मुख्य सचिव, राज्य सरकार और केंद्रीय मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.
विकास के पथ पर दौड़ने लगे हैं बीमारू राज्य
संबोधन देते हुए अमित शाह ने कहा कि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ अपनी भौगोलिक स्थिति के साथ सकल घरेलू उत्पाद में योगदान और देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं. इन राज्यों को "बीमारू" राज्य माना जाता था, लेकिन अब वे इससे बाहर निकल रहे हैं और विकास के पथ दौड़ने लगे हैं. केंद्रीय क्षेत्रीय परिषद राज्य खाद्यान्न उत्पादन के प्रमुख केंद्र हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'टीम इंडिया' की अवधारणा को धरातल पर उतारा है.
वामपंथी उग्रवाद प्रभावि क्षेत्रों में 5 हजार डाकघर और 1200 बैंक शाखाएं खुलीं
गृह मंत्री ने बैठक में यह भी जानकारी दी कि सरकार ने पिछले तीन वर्षों में वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में लगभग पांच हजार डाकघर और 1200 से अधिक बैंक शाखाएं खोली हैं. दूरसंचार सेवाओं में तेजी लाने के लिए पहले चरण में 2300 से अधिक मोबाइल टावर लगाए जा रहे हैंष दूसरे चरण में 2500 मोबाइल टावर लगाए जाएंगे. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में राज्य सरकारों की कई विकास योजनाएं हैं. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जितना विकास होगा. नक्सलियों की भर्ती उतनी ही कम होगी. वामपंथी उग्रवादियों की लामबंदी के साधन भी समाप्त होने लग जाएंगे. उन्होंने नक्सलवाद से निपटने के लिए राज्य सरकारों से इसे जड़ से खत्म करने का आह्वान किया है.
आपसी सहयोग की भावना मजबूत करते हैं प्रथाओं का आदान-प्रदान
गृहमंत्री ने कहा कि परिषद की बैठकों की आवृत्ति में वृद्धि के साथ राज्यों के बीच अच्छी प्रथाओं का आदान-प्रदान हो रहा है. यह न केवल अन्य राज्यों को प्रेरणा देता है. बल्कि केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर और स्वस्थ संबंध भी बनाता है. राज्यों के बीच कई मुद्दों को बातचीत के माध्यम से सुलझाया जाता है और राज्यों के बीच आपसी सहयोग की भावना को मजबूत करते हैं.
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