गुजरात सरकार ने दी चौंकाने वाली जानकारी, दो सालों में इलाज के दौरान 15 हजार से ज्यादा नवजात की मौत
गुजरात में दो सालों में इलाज के दौरान 15 हजार से ज्यादा नवजात शिशुओं की मौत हो गई.राज्य सरकार ने सदन को बताया कि सबसे ज्यादा मौत के मामले अहमदाबाद में दर्ज किए गए.
गांधीनगर: गुजरात सरकार ने माना है कि राज्य में दो साल के दौरान 15000 से ज्यादा नवजात शिशुओं की मौत हुई. सरकार मंगलवार को विधानसभा में प्रश्न काल में कांग्रेस विधायकों के सवालों के जवाब दे रही थी. सरकार ने सदन को बताया कि सबसे ज्यादा अहमदाबाद में मरनेवाले नवजात शिशुओं का आंकड़ा दर्ज किया गया.
दो सालों में 15000 से ज्यादा नवजात शिशुओं की मौत
उप मुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल से सदन में कांग्रेस विधायकों ने नवजात शिशिओं की मौत के बारे में जानना चाहा. सदस्यों ने स्वास्थ्य मंत्री से ये भी जानना चाहा कि नवजात शिशुओं को बीमारियों की चपेट में आने से बचाने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है ?
इस पर स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल ने सदन को बताया, "पूरे सूबे के नवजात केयर यूनिट में इलाज के दौरान दो सालों में 15000 से ज्यादा शिशुओं ने दम तोड़ा." उन्होंने कहा कि 1 लाख 6 हजार नवजात शिशुओं को 2018-2019 के दौरान नवजात केयर यूनिट में भर्ती कराया गया था. जिनमें से 15013 नवजात शिशुओं की इलाज के दौरान मौत हो गई.
स्वास्थ्य मंत्री ने सदन को लिखित में दी जानकारी
स्वास्थ्य मंत्री ने लिखित रूप में सदन को जानकारी दी कि 1 लाख 6 हजार बच्चों में से 71 हजार 7 सौ 74 बच्चे सरकारी अस्पतालों में पैदा हुए थे. बकि सरकारी अस्पताल से अलग 34 हजार 7 सौ 27 बच्चों ने जन्म लिया. जिनको बेहतर इलाज के लिए स्पेशल नवजात केयर यूनिट भेज दिया गया था. मंत्री ने बताया कि सबसे ज्यादा अहमदाबाद में मरनेवाले नवजात शिशुओं की रिपोर्ट दर्ज की गयी. अहमदाबाद में इलाज के दौरान 4322 शिशुओं ने दम तोड़ा. वडोदरा में 2362 और सूरत में 1986 शिशुओं की मौत हुई.
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