Karnataka Cofee Estate: कर्नाटक के चिकमगलूर (Chikkamagaluru) से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां पर कॉफी एस्टेट के मालिक ने जुल्म की सारी इंतिहा पार कर दी. कॉफी एस्टेट के मालिक ने 8 अक्टूबर को अपने बेटे के साथ मिलकर चिकमगलूर के हुसैनहल्ली में दलित महिला मजदूरों (Dalit Women Labours) के साथ कथित तौर पर मारपीट की और उनको उनके ही घर में बंद कर दिया.


बताया जा रहा है कि करीब 16 महिलाओं कॉफी एस्टेट के एक कमरे में 15 दिनों तक कैद करके रखा. पीड़ितों का कहना है कि उनको प्रताड़ित किया गया. यहां तक कि इस वजह से एक गर्भवती महिला का बच्चा गिर गया. उक्त महिला का फिलहाल स्थानीय अस्पताल में इलाज किया जा रहा है. 


पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
20 वर्षीय अर्पिता की शिकायत के आधार पर 11 अक्टूबर को जगदीश गौड़ा और उनके बेटे तिलक के खिलाफ एससी-एसटी अत्याचार अधिनियम 2015 के अलावा भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत बालेहोन्नूर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है.


क्या है पूरा मामला?
छह दलित परिवार पिछले तीन महीने से एस्टेट में काम कर रहे थे. वे एस्टेट पर वर्कर्स कॉलोनी में रह रहे थे. मालिक ने 15 दिन पहले पड़ोसियों के साथ झगड़े के सिलसिले में मजदूरों में से एक मंजू की कथित तौर पर पिटाई की थी. इससे कार्यकर्ताओं में आक्रोश फैल गया.


दलितों ने एस्टेट में काम नहीं करने और जगह छोड़ने का फैसला किया. उनके इस फैसले के खिलाफ मालिक ने जोर देकर कहा कि वे उससे उधार लिए गए पैसे वापस करने के बाद ही वह जगह छोड़ सकते हैं. जब इन लोगों ने पैसे देने में असमर्थता जताई तो उसके बाद इन लोगों को कैद कर दिया गया.


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