लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कई नदियों के उफनाने से आई बाढ़ ने एक बार फिर कहर ढाना शुरू कर दिया है. सरयू, घाघरा के बढ़े जलस्तर ने कई गांवों को प्रभावित किया है. तराई क्षेत्रों में नदियों का पानी खतरे के निशान के ऊपर बह रहा है. प्रदेश में 16 जिले बाढ़ की चपेट में हैं. बहराइच-महसी तहसील के जुगलपुरवा, जरमापुर, जमई गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं. लोगों के सामने आवागमन का साधन नाव है. फसल डूबने के साथ ग्रामीणों की माली हालत भी गड़बड़ाने लगी है. वहीं, श्रावस्ती में हल्की बारिश के बावजूद राप्ती का जलस्तर तेजी बढ़ रहा है. इस कारण लोग सहमे हुए हैं.


बहराइच के महसी तहसील में एक दर्जन से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं. ज्यादातर गांवों के संपर्क मार्ग बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं. लोगों को पानी के अंदर से होकर आना पड़ रहा है. लोग गांवों से ऊंचे स्थानों में रह रहे हैं. हालांकि, उनके पास व्यवस्था अभी उतनी मजबूत नहीं, जितनी होनी चाहिए. लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा यहां पर विद्युत व्यवस्था भी चरमरा गई है.


बाढ़ से प्रभावित हैं 16 जिलों के 642 गांव


जिला प्रशासन के अधिकरियों का कहना है कि बाढ़ और कटान के हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है. लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो, इसके लिए लगातार प्रयास जारी हैं. उधर, शारदा नदी की तेज लहरों ने ग्राम ढकिया सूरजपुर के पास कई तटबंध को कई जगह पर काट दिए हैं. बाढ़ के पानी के कारण खेत डूब गए हैं. तटबंध की मरम्मत के लिए सिंचाई विभाग तेजी से कार्य कर रहा है.


राहत आयुक्त कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश में अब तक 16 जिलों (अंबेडकर नगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, गोंडा, गोरखपुर, खीरी, कुशीनगर, मऊ, संतकबीर नगर और सीतापुर) के 642 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. इनमें से 362 गांव जलमग्न हैं.


रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ की 15 टीमें तैनात


राहत आयुक्त कार्यालय ने बताया कि इस समय शारदा नदी पलियाकलां में खतरे के निशान से 1,54,100 मीटर से ऊपर बह रही है। वहीं, बाराबंकी में सरयू और घाघरा नदी भी अपने जलस्तर से ऊपर बह रही हैं. प्रदेश में बचाव के लिए 303 शरणालय बनाएं गए हैं. अब तक 61,892 खाद्य किट बांटी जा चुकी हैं. 627 नावें चलाई जा रही हैं. 735 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं. 265 मेडिकल टीमों को अलर्ट किया गया है.


राहत आयुक्त संजय गोयल ने बताया कि बाढ़ प्रभावित जिलों में सर्च और रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ की 15 टीमें लगाई गई हैं. पीएसी और एसडीआरएफ की सात टीमें अलग लगी हैं. अधिकारियों से तटबंध वाले इलाकों में लगातार गश्त लगाने को कहा गया है. यह भी कहा गया है कि पशुओं के लिए पर्याप्त चारे और आहार की व्यवस्था की जानी चाहिए.


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