16 साल के बच्चे ने किया सेंसर डोरबेल का आविष्कार, करीब 20 सेंटीमीटर की दूरी से बजा पाएंगे
स्कूल में पढ़ने वाले एक 16 साल के बच्चे ने सेंसर डोरबेल का आविष्कार किया है.इसकी मदद से करीब 20 सेंटीमीटर की दूरी से डोरबेल बजाई जा सकती है.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस से संक्रमण का खतरा किसी भी सतह को छूने से बढ़ जाता है. लिहाजा घर की घंटी को घरों में प्रवेश करने वाले लोग, कई बार छूते हैं और जाने अनजाने में खतरा मोल लेते हैं. शालीमार बाग इलाके के मॉडर्न पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाले एक विद्यार्थी ने प्रधानमंत्री मोदी की बात पर गौर करते हुए एक आविष्कार किया है और अपनी हिस्सेदारी को पीएम के नाम भी किया है.
16 साल के बच्चे सार्थक ने सेंसर डोरबेल का आविष्कार किया. इस डोरबेल को 20 सेंटीमीटर की दूरी से बजाया जा सकता है. सार्थक ने एक अपने घर के दरवाजे पर सेंसर बेल को लगा दिया है. साथ ही सार्थक ने एबीपी न्यूज़ को डेमो कर अपना कमाल का आविष्कार दिखाया.
सार्थक जैन का कहना है कि मेरा मनपसंद सब्जेक्ट फिजिक्स है और मैं बड़ा होकर मैकेनिकल इंजिनियर बनना चाहता हूं. मैंने देखा कि जितने भी लोग घर में आते हैं सभी बेल का बटन दबाते हैं. लिहाजा संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. मैंने तब ही सोचा की मैं ऐसी बेल बनाऊंगा जिसे रिंग करने के लिए छूने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
वहीं सार्थक की मां का कहना है कि पहले मुझे लगता था क्यों ये अपना वक्त बर्बाद करता रहता है, कुछ ना कुछ बनाता रहता है. पढ़ाई के अलावा यह काम गैर जरूरी लगते थे लेकिन अब वाकई कमाल लगता है.
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