नई दिल्ली: नोटबंदी के दौरान अनियमितता के कारण 167 बैंक अधिकारियों को निलंबित किया गया और 41 अधिकारियों का स्थानांतरण किया गया. वित्त मंत्रालय की तरफ से मंगलवार को संसद को यह सूचना दी गई.

वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में कहा, "सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने सूचित किया है कि नोटबंदी के दौरान अनियमितता के कारण 167 बैंक अधिकारियों को निलंबित किया गया है और 41 अधिकारियों का स्थानांतरण किया गया है."

गंगवार ने कहा, "जहां तक निजी क्षेत्र का सवाल है, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सूचना दी है कि 11 अधिकारियों को संदेहात्मक आचरण के कारण निलंबित किया गया है."

भारतीय रिजर्व बैंक ने बताया है कि बैंकों ने आंतरिक जांच शुरू कर दी है और शिकायतों को पुलिस या सीबीआई के समक्ष दायर किया है. सार्वजनिक बैंकों ने भी पुलिस या केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) समक्ष 26 मामले दर्ज करवाए हैं, जिनमें आपराधिक मामले भी शामिल हैं.

प्रवर्तन निदेशालय ने भी सूचित किया है कि नोटबंदी के दौरान बैंक कर्मचारियों के खिलाफ धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत जांच शुरू की गई है. उन्हें काले धन को वैध बनाने तथा अन्य अनुचित व्यवहार में लिप्त पाया गया है.