नई दिल्लीः 16वीं लोकसभा का आखिरी संसद सत्र बुधवार को समाप्त हो गया. गहमा-गहमी भरे इस लोकसभा में काफी कुछ नया और खास देखने को भी मिला. पक्ष और विपक्ष के बीच जहां तीखे सवाल जवाब देखने को मिले तो वहीं जनता की मांग को लेकर नारेबाजी करते सांसद भी नजर आए. कभी शोर-शराबे के कारण सदन की बैठक स्थगित करनी पड़ी तो कभी अहम बिल पर चर्चा को लेकर सदन में देर शाम तक बहस हुई. सरकार और विपक्ष के बीच खींचतान चली तो दोनों एक दूसरे पर हमलावर भी नजर आए.


इसी क्रम में कुछ ऐसे सांसद भी नजर आए जो कि हर दिन के चर्चा और बहस का गबाह बने. मतलब ऐसे सांसद जिनकी उपस्थिति 100 फिसदी रही. 7 सांसद ऐसे हैं जिनकी उपस्थिति 100 फिसदी रही. जिसमें से पांच सांसद बीजेपी के हैं जबकि एक सांसद टीडीपी और एक सांसद बीजेडी के हैं. वहीं 10 सांसद ऐसे हैं जिनकी उपस्थिति 30 प्रतिशत से कम है.


बीजेपी के सांसदों में उत्तर प्रदेश के फतेहपुर से सांसद निरंजन ज्योति, यूपी के बांदा से सांसद भैरों प्रसाद मिश्रा, मुंबई-नॉर्थ से सांसद गोपाल शेट्टी, हरियाणा के सोनीपत से सांसद रमेश कौशिक, वहीं ओडिशा से जगतसिंहपुर के बीजेडी के सासंद कुलमणि सामल और आंध्र प्रदेश के विजियानगरम से सांसद और मंत्री रहे अशोक गजपति राजू शामिल हैं. वहीं यूपी हाथरस से बीजेपी सांसद राजेश कुमार की उपस्थिति 99 फिसदी है.



सबसे कम उपस्थिति की बात करें तो कांग्रेस के पूर्व सांसद और वर्तमान में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह है. अमरिंदर सिंह की उपस्थिति मात्र 6 फिसदी है. दूसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल से टीएमसी सांसद दीपक अधिकारी और जम्मू कश्मीर के बारामुल्‍ला से सांसद मुजफ्फर हुसैन बेग हैं. इन दोनों नेताओं की संसद में उपस्थिति मात्र 11 प्रतिशत हैं.



कुछ खट्टी, कुछ मिट्ठी यादों के साथ लोकसभा का अंतिम सत्र भी समाप्त हो गया. संसद में सरकार की कोशिश रही कि विपक्षियों पर अधिक से अधिक वार करते हुए ज्यादा से ज्यादा बिल पास करवाया जाए तो वहीं विपक्षी दलों की कोशिश रही कि ज्यादा से ज्यादा मुद्दों पर सरकार को घेरा जाए.


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