नई दिल्ली: देशभर के 17 राज्यों में 'वन नेशन-वन राशन कार्ड' सिस्टम को लागू कर दिया गया है. इस योजना से जुड़ने वाले राज्यों में सबसे ताजा नाम उत्तराखंड का है. वन नेशन-वन राशन कार्ड प्रणाली जैसे महत्वपूर्ण सुधार को पूरा करने वाले राज्य अपनी ग्रॉस स्टेट डोमेस्टिक प्रोडक्ट (जीएसडीपी) के 0.25 फीसदी तक अतिरिक्त उधार के पात्र बन जाते हैं. इस प्रणाली के तहत राशनकार्ड धारक देश में कहीं भी राशन की दुकान से अपने हिस्से का राशन ले सकते हैं.


वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, इन 17 राज्यों को व्यय विभाग द्वारा 37,600 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उधार लेने की अनुमति दी गई है. वन नेशन-वन राशन कार्ड सिस्टम के लागू होने से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं को पूरे देश में कहीं भी उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) पर लाभार्थियों को राशन की उपलब्धता सुनिश्चित होती है.


किन लोगों को होगा फायदा
विशेष रूप से प्रवासी आबादी को ज्यादातर मजदूरों, दैनिक भत्ता लेने वाले श्रमिकों, कूड़ा हटाने वाले, सड़क पर रहने वाले, संगठित और असंगठित क्षेत्रों में अस्थायी कामगार, घरेलू श्रमिकों को इस योजना का फायदा होगा. खाद्य सुरक्षा के संदर्भ में सशक्त बनाता है, जो अक्सर कामकाज के लिए अपने मूल राज्य से दूसरे राज्यों में जाते हैं.


यह सिस्टम प्रवासी लाभार्थियों को देश में कहीं भी अपनी पसंद के उचित इलेक्ट्रॉनिक मूल्य की बिक्री (ई-पीओएस) से खाद्यान्न का कोटा प्राप्त करने में सक्षम बनाता है. कोविड -19 महामारी के बाद पैदा हुई कई चुनौतियों से निपटने के लिए संसाधन की आवश्यकता के मद्देनजर, भारत सरकार ने 17 मई, 2020 को राज्यों की उधार सीमा को उनके जीएसडीपी के दो फीसदी तक बढ़ा दिया था. जीएसडीपी का एक प्रतिशत राज्यों द्वारा नागरिक केंद्रित सुधारों से जुड़ा था.


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