Transgender Girl: भारत में ट्रांसजेंडरों के पास भी समानता का अधिकार है, लेकिन इसके बावजूद उनको लेकर भेदभाव से जुड़े मामले सामने आते रहते हैं. ऐसा ही एक मामला असम में सामने आया है. यहां एक स्कूल ने ट्रांसजेंडर लड़की को इसलिए स्कूल से निकाल दिया, क्योंकि उसने बिकिनी पहनकर तस्वीरों को सोशल मीडिया पर साझा किया था. 


इस बात की जानकारी खुद लड़की की मां ने दी है. ट्रांसजेंडर लड़की की मां ने असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा के नाम एक पत्र लिखा है. साथ ही उन्होंने सीएम से इंसाफ की मांग की है. 


असम के मुख्यमंत्री को लिखा पत्र


उन्होंने पत्र में लिखा, ''मेरी बेटी, जो एक पुरुष शरीर में पैदा हुई. उसने संघर्ष का यह जीवन नहीं चुना, जहां उसे उसके वास्तविक स्वरूप के कारण धमकाया जा रहा है और उससे नफरत की जा रही है. असम में उसके स्कूल में हुई हाल की घटना ने हमारे विश्वास की जड़ को हिला दिया है, जो हमारे बच्चों की रक्षा और पोषण करने के लिए बनाए गए संस्थानों में है. स्कूल सीखने का एक केंद्र होना चाहिए, लेकिन ये निर्णय का एक क्षेत्र बन गया है. यह मेरी बेटी की दुर्दशा है, ऐसी दुर्दशा जिससे कई लोगों को जूझना पड़ा है, जिसे अक्सर अज्ञानता की छाया में चुप करा दिया जाता है.''


मां ने स्कूल की प्रिंसिपल पर उठाए सवाल


टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, लड़की की मां ने स्कूल की प्रिंसिपल पर बेटी को 'बदनाम करने', 'कमतर आंकने' और 'मजाक उड़ाने' के अलावा उसकी सच्चाई और उसके अस्तित्व को निशाना बनाने का आरोप लगाया है. वहीं, स्कूल के अधिकारियों ने कहा कि लड़की की तस्वीरें अश्लीलता को दर्शाती हैं और उन्होंने केवल इतना कहा है कि इन तस्वीरों को सोशल मीडिया से हटा दिए जाएं. 


9 जून को पोस्ट की थी तस्वीरें


बता दें कि लड़की ने बीते माह 9 जून को पारिवारिक छुट्टियों के दौरान कुछ तस्वीरों को खींचा था. वह बिकनी पहने हुई थी, उसने इन तस्वीरों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर कर दिया. हालांकि, असम के गुवाहाटी के साउथ पॉइंट स्कूल में पढ़ने वाली एक ट्रांसजेंडर लड़की को स्कूल से निकाल दिया गया, स्कूल के प्रिंसिपल ने लड़की की बिकिनी फोटोज पर भी आपत्ति जताई थी.


ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड ने की शिकायत


इस बीच राज्य के ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड ने असम राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (ASCPCR) का रुख किया है. उन्होंने कहा है कि कोई भी बच्चे के शरीर और उसकी तस्वीर को यौन रूप से नहीं दिखा सकता. 26 जून को ASCPCR ने मामले में सुनवाई शुरू की, जिसमें ट्रांसजेंडर लड़की के परिवार ने घटना के बारे में बताया. आयोग के अध्यक्ष श्यामल प्रसाद सैकिया ने कहा कि हमने शिकायतकर्ता की बात सुनी और अब स्कूल अधिकारियों को बुलाएंगे. दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद हम एक निश्चित तिथि पर बैठक करेंगे. इसके बाद कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी.


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