नई दिल्ली: 17वीं लोकसभा का पहला सत्र आज से शुरु हो रहा है. ये सत्र 26 जुलाई तक चलेगा. इस सत्र में मोदी सरकार तीन तलाक पर रोक और जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) सहित 10 अध्यादेशों को कानून में बदलने की तैयारी में है. इन अध्यादेशों को सत्र शुरू होने के 45 दिनों के अंदर कानून में बदलना होगा, नहीं तो उनकी अवधि समाप्त हो जाएगी. सत्र के दौरान 5 जुलाई को पूर्ण बजट पेश किया जायेगा.


नवनिर्वाचित सांसदों को दिलाई जायेगी शपथ 


सत्र के पहले दो दिनों आज और कल यानि 18 जून को नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाई जायेगी. बीरेंद्र कुमार को औपचारिक तौर पर लोकसभा प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया है. परम्परा के अनुसार आज सुबह राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बीरेंद्र कुमार को प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलवाएंगे. चूंकि प्रोटेम स्पीकर का मुख्य काम सभी सदस्यों को शपथ दिलाना है इसलिए उनकी अनुपस्थिति में इस काम को निपटाने के लिए 3 और लोगों की नियुक्ति की गई है. इनमें बृजभूषण शरण सिंह, भर्तृहरि महताब और के सुरेश शामिल है.


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लोकसभा अध्यक्ष को 19 जून को चुना जायेगा. राष्ट्रपति लोकसभा और राज्यसभा दोनों की संयुक्त बैठक को 20 जून को संबोधित करेंगे. आर्थिक सर्वेक्षण 4 जुलाई को पेश किया जायेगा और इसके अगले दिन बजट पेश किया जायेगा. सत्र की कुल 30 बैठकें होंगी. यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट होगा और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट पेश किया जायेगा.


20 जून को शुरू होगा राज्यसभा का सत्र 


गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए अंतरिम बजट तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने एक फरवरी 2019 को पेश किया था. राज्यसभा का सत्र 20 जून को शुरू होगा और 26 जुलाई तक चलेगा. वहीं बजट सत्र शुरू होने से एक दिन पहले, सरकार ने रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई जिसमें विपक्ष ने किसानों की समस्या, बेरोजगारी और सूखे जैसे मसलों पर संसद में बहस कराए जाने की मांग की.


पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, टीएमसी के नेता डेरेक ओब्रायन समेत सभी पार्टियों के नुमाइंदे शामिल हुए. बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए आजाद ने कहा कि जन हित वाले किसी भी विधेयक का हम विरोध नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि किसानों की समस्या, बेरोजगारी एवं सूखे पर चर्चा होनी चाहिए.


लोकसभा चुनाव कराए जा सकते हैं तो विधानसभा चुनाव क्यों नहीं- कांग्रेस


आजाद ने जम्मू कश्मीर में जल्द विधानसभा चुनाव कराए जाने की भी मांग की जहां फिलहाल राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है. कांग्रेस नेता ने पूछा कि अगर लोकसभा चुनाव कराए जा सकते हैं तो विधानसभा चुनाव क्यों नहीं कराए जा सकते? उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि केंद्र राज्यपाल प्रशासन के जरिए राज्य की हुकूमत चलाना चाहता है. कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और के सुरेश भी बैठक में मौजूद थे. टीएमसी के ओब्रायन ने इस सत्र में महिला आरक्षण विधेयक लाए जाने की मांग की जो लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई सीटों पर आरक्षण देने की बात कहता है.


इन अध्यादेशों को कानून में बदलेगी मोदी सरकार!


तीन तलाक पर रोक संबंधी अध्यादेश के अलावा अन्य अध्यादेशों में भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) अध्यादेश, कंपनी (संशोधन) अध्यादेश, जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) अध्यादेश, आधार और अन्य कानून (संशोधन) अध्यादेश, नयी दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र अध्यादेश, होम्योपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) अध्यादेश, विशेष आर्थिक क्षेत्र (संशोधन) अध्यादेश और केंद्रीय शैक्षिक संस्थान (शिक्षक संवर्ग में आरक्षण) अध्यादेश शामिल हैं.

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