18 पाकिस्तानी हिन्दुओं को दी गई भारतीय नागरिकता
इससे पहले संसद से नागरिकता संशोधन कानून के पास कराए जाने के बाद देशभर में इसके खिलाफ हंगामा देखने को मिला. यह कानून पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में बसे अल्पसंख्यक समुदाय के लोग जो भारत में आकर बसे हैं उन्हें इसमें नागरिकता देने का प्रावधान है.
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नागरिकता संशोधन कानूनों पर देशभर में पीछे हुए भारी बवाल के बीच पाकिस्तान से आए 18 हिन्दुओं शरणार्थियों को भारतीय नागरिक का दर्जा दिया गया. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, जयपुर प्रशासन की तरफ से नागरिकता कानून, 1955 के प्रावधानों के तहत जयपुर जिला मजिस्ट्रेट ने भारतीय नागरिकता का इन्हें सार्टिफिकेट दिया है.
सरकारी बयान के अनुसार जिलाधिकारी अन्तर सिंह नेहरा ने शुक्रवार को यहां कलक्ट्रेट सभागार में 18 पाकिस्तानी विस्थापितों को नागरिकता प्रमाण पत्र दिए. इस अवसर पर नेहरा ने इन्हें बधाई देते हुए कहा कि अब वे संविधान की ओर से दिए गए सभी अधिकारों और सुविधाओं का उपयोग भारत के स्वतंत्र नागरिक के रूप में कर सकेंगे.
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन लगातार पात्र लोगों को नागरिकता प्रदान करने का काम कर रहा है।इससे पहले भी 50 लोगों को नागरिकता दी जा चुकी है. उन्होंने कहा कि जल्दी ही सभी पात्र लोगों को नागरिकता प्रदान कर समस्त प्रकरणों का निस्तारण किया जाएगा.
Rajasthan: 18 Hindu refugees from Pakistan were given certificates of citizenship of India by Jaipur district magistrate under provisions of Citizenship Act, 1955 today, says Jaipur district administration pic.twitter.com/a4DNcgae3c
— ANI (@ANI) December 18, 2020
गौरतलब है कि इससे पहले संसद से नागरिकता संशोधन कानून के पास कराए जाने के बाद देशभर में इसके खिलाफ हंगामा देखने को मिला. यह कानून पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में बसे अल्पसंख्यक समुदाय के लोग जो भारत में आकर बसे हैं उन्हें इसमें नागरिकता देने का प्रावधान है. इसमें हिन्दू, सिख और ईसाईयों को शामिल किया गया है, जिन्हें इस कानून के तहत नागरिकता दी जा सकती है.
पिछले दिनों पश्चिम बंगाल के बीजेपी प्रभारी और पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि नागरिकता संशोधन कानून के तहत अगले साल जनवरी से पड़ोसी देशों से आए हिन्दू, सिख और ईसाईयों को नागरिकता देने का काम शुरू कर दिया जाएगा.
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