दिल्ली में पोस्ट कोविड समस्याओं के बाद 18 साल के युवक का हार्ट फेल, सर गंगाराम अस्पताल में बचाई गई जान
दिल्ली में कोरोना से ठीक होने के बाद 18 साल के एक युवक का हार्ट फेल हो गया. जिसके बाद उसका इलाज सर गंगाराम अस्पताल में करवाया गया. सफल सर्जरी के बाद डॉक्टरों की टीम ने मिलकर उसकी जान बचा ली.
नई दिल्लीः दिल्ली में पोस्ट कोविड समस्याओं के बाद 18 साल के युवक का हार्ट फेल होने का मामला सामने आया है. अटैक आने के बाद परिजनों ने मरीज को सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती करवाया जहां डॉक्टरों की टीम ने सफल सर्जरी कर नया जीवन दान दिया. डॉक्टरों ने बताया कि मरीज मायोकार्डिटिस नामक बीमारी से पीड़ित था. सफल इलाज के बाद मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
डॉक्टरों ने बताया कि मरीज को कुछ दिन पहले से ही थकान महसूस हो रही थी और उसे सांस लेने में दिक्कतों का समाना करना पड़ रहा था. तीन दिन पहले वह अचानक बेहोश हो गया. परिजनों ने बेहोशी की हालत में उसे सर गंगा राम अस्पताल ले कर पहुंचे.
हर्ट पूरी तरह से काम नहीं कर पा रहा है
अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के डॉक्टर अश्वनि मेहता ने बताया कि कोरोना जांच में मरीज की रिपोर्ट निगेटिव आई. डॉक्टरों ने जब एक अन्य जांच किया तो पता चला कि मरीज का हर्ट पूरी तरह से काम नहीं कर पा रहा है.
जांच रिपोर्ट के मुताबिक इस बात का पता चला कि कम पंपिंग के कारण हार्ट फेल होना शुरू हो गया था. इस कारण मरीज के फेफड़ों में तरल पदार्थ जमा हो गया था और उसकी सांसे रुकने लगी थी.
एंटीबॉडी की जांच में हुआ खुलासा
डॉक्टर ने बताया कि जब मरीज की कोरोना एंटीबॉडी की जांच की गई तो वह काफी ज्यादा था. यही एंटीबॉडी जो संक्रममित व्यक्ति के स्वस्थ होने के बाद होने वाली हर्ट से संबंधित बीमारियों की पुष्टि करते थे.
डॉक्टर ने बताया कि कुछ मरीज जो कि कोरोना से स्वस्थ तो ठीक हो जाते हैं लेकिन उनके दिल की धड़कन असामान्य रहता है. ऐसे में मरीजों को थकान के लक्षण बने रह सकते हैं.
मायोकार्डिटिस और हर्ट फेल की घटना दुर्लभ
डॉक्टर ने बताया कि मायोकार्डिटिस और हर्ट फेल की घटना दुर्लभ है, इस तरह की समस्या अगर मरीजों में देखने को मिले तो वह जीवन के लिए खतरा हो सकता है. ऐसे मरीजों पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है.
डॉक्टरों ने बताया कि ऐसा न करने से मरीज की जान को खतरा हो सकता है. उन्होंने कहा कि अगर कोरोना से ठीक होने के बाद चेहरे और पैर में सूजन है या धड़कन तेज हैं तो डॉक्टर से जरूर सलाह लें.