नई दिल्ली: देश के प्रतिष्ठित 183 गणमान्य नागरिकों ने देश के सभी मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल को पत्र लिखा है. पत्र के जरिए देश में इस्लामोफोबिया के आसपास फैलाए जा रहे भ्रामक कथाओं से सावधान रहने को कहा गया.


सिटीजन ऑफ इंडिया नाम के एक समूह में शामिल इन 183 लोगों में सेवानिवृत्त जज, सेना से रिटायर्ड अधिकारी, रिटायर्ड आईएएस अफसर के साथ-साथ वित्त समाज सुधार और शिक्षा शास्त्रियों के अलावा अलग-अलग क्षेत्रों के प्रमुख लोग शामिल है.



पत्र में चिंता जताते हुए लिखा गया है कि जब महामारी से निपटने के लिए, स्वास्थ्य सेवाओं और भोजन सप्लाई के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार है और वह अथक प्रयास कर रहे हैं ताकि इस महामारी से कम से कम लोग संक्रमित हो और ज्यादा से ज्यादा लोगों का जीवन बचाया जा सके, तब जबकि कोविड-19 महामारी से ग्रस्त दूसरे देश हम से सीख रहे हैं और हमारा उदाहरण दे रहे हैं तक कुछ लोग ऐसे हैं जो ऐसे समय में भी भ्रामक प्रचार कर रहे हैं.


11 मई को लिखे गए इस खत में इस समूह की ओर से चिंता जताई गई है कि कुछ निजी स्वार्थ वाले तत्व लगातार गलत, झूठा और भ्रामक प्रचार फैला रहे हैं कि एक खास समुदाय को परेशान किया जा रहा है. इस समूह की तरफ से राज्य सरकारों को पूरा समर्थन दिया गया है जो उन लोगों पर कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं जो डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मचारियों और कोविड-19 से पैदा हुए हालात से लड़ने के लिए मैदान में काम कर रहे स्टॉफ़ और सरकारी कर्मचारियों पर हमले कर रहे हैं. पत्र में उन सरकारों की भी तारीफ की गई है जो ऐसे तबकों और अपराधियों पर जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्रवाई कर रहे हैं.


पत्र में लिखा है कि लाल झंडाबरदारो का एक समूह अपने निजी स्वार्थों के लिए देश के सामाजिक ताने-बाने और भारत की प्रतिष्ठा को दांव पर लगाकर भारत विरोधी दुष्प्रचार को समाचार माध्यमों के ज़रिए हवा दे रहे हैं. ये लोग ऐसे टि्वटर हैंडल के जरिए जो पाकिस्तान से चल रहे हैं या पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा दुनिया के दूसरे देशों में बैठकर भारत के खिलाफ अंडरकवर ऑपरेशन के जरिए दुष्प्रचार फैला रही है उसका सहारा ले रहे हैं.


देश के 183 प्रबुद्ध नागरिकों के समूह ने राज्य सरकारों से अपील की है कि ऐसे व्यक्तियों संस्थाओं की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए. पत्र में आगे लिखा गया है कि यह भी देखने में आया है कि कुछ संदिग्ध किस्म के लोग विस्पर कैंपेन के जरिए गलत और भ्रामक अफवाहों को फैला रहे हैं. इसके पीछे उनका मकसद प्रवासी मजदूरों के बीच अनिश्चितता फैलाना और उसका फायदा उठाना है. राज्य सरकारों को चाहिए कि वह अपनी इंटेलिजेंस एजेंसियों के जरिए ऐसे संदिग्ध लोगों पर कड़ी नजर रखें. देश के प्रबुद्ध नागरिकों का यह समूह पत्र में राज्य सरकारों से अपील कर रहा है कि सभी सरकारें अनेकता में एकता सभी को समानता का ख्याल रखें और तुष्टीकरण ना हो.