115 घंटे बैठकें, 4 विधेयक पारित, बजट पर 27 घंटे चर्चा... जानें 18वीं लोकसभा का मानसून सत्र कितना रहा कारगर
18th Lok Sabha Second Session Adjourned: सत्र के दौरान वित्त विधेयक 2024, विनियोग विधेयक 2024, जम्मू और कश्मीर विनियोग विधेयक 2024 और भारतीय वायुयान विधेयक 2024 को संसद में पारित किया गया.
18th Lok Sabha Second Session adjourned: 18वीं लोकसभा के दूसरे सत्र के स्थगित होने के बाद इसका डेटा सामने आया है. इस मानसून सत्र की शुरुआत 22 जुलाई को हुई थी. इस पूरे सत्र में 15 बैठकें हुईं जो 115 घंटे तक चलीं. सत्र के दौरान 12 सरकारी विधेयक पुरःस्थापित किए गए और कुल 4 विधेयक पारित किए गए. वहीं सत्र के दौरान 65 गैर सरकारी विधेयक पुरःस्थापित किए गए.
सत्र स्थगित होने के बाद अनौपचारिक चाय बैठक में पीएम मोदी और राहुल गांधी ने एक दूसरे का अभिवादन किया और गर्मजोशी से नमस्ते की. राहुल गांधी ने राजनाथ सिंह से यूक्रेन की स्थिति के बारे में पूछा, जिस पर रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत इस पर कड़ी नजर रख रहा है.
कौन-कौन से विधेयक पारित हुए?
इस सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए. सत्र के दौरान वित्त विधेयक, 2024, विनियोग विधेयक, 2024, जम्मू और कश्मीर विनियोग विधेयक, 2024 और भारतीय वायुयान विधेयक, 2024 को संसद में पारित किया गया.
23 जुलाई वित्त मंत्री ने पेश किया बजट
संसद में बजट पर 27 घंटे 19 मिनट तक चर्चा हुई. इस चर्चा में 181 सदस्यों ने भाग लिया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 30 जुलाई को चर्चा का जवाब दिया. वहीं अनुदान मांगों (2024-25) पर 30 जुलाई, 2024 से 5 अगस्त, 2024 तक चर्चा की गई. 5 अगस्त को केन्द्रीय बजट से संबंधित विनियोग विधेयक पारित किया गया.
- 86 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए.
- सदस्यों ने लोक महत्व के 400 मामले उठाए.
- नियम 377 के अधीन 358 मामले उठाए गए.
- नियम 73 क के अधीन 25 वक्तव्य
- सरकारी कार्य के बारे में संसदीय कार्य मंत्री द्वारा 2 वक्तव्य और नियम 372 के अधीन मंत्रियों द्वारा तीन ‘सुओ मोटो स्टैट्मेन्ट’ सहित कुल 30 वक्तव्य दिए गए.
- सत्र के दौरान, कुल 1345 पत्रों को सभा पटल पर रखा गया.
- सत्र के दौरान, 22 जुलाई 2024 को ओलंपिक खेलों के लिए भारत की तैयारियों के संबंध में नियम 193 के तहत एक अल्पकालिक चर्चा हुई.
- 31 जुलाई, 2024 को देश के अलग-अलग हिस्सों में भूस्खलन और बाढ़ के कारण जान-माल के नुकसान के विषय पर नियम 197 के अधीन एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लिया गया.
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