18th Lok Sabha First Session Latest News: 18वी लोकसभा के पहले सत्र का आगाज आज (24 जून  2024) से हो रहा है. सत्र के प्रारंभ में पीएम मोदी ने हंस द्वार पर मीडिया को संबोधित किया. पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सभी नवनिर्वाचित संसद सदस्य शपथ लेंगे.


लोकसभा के पहले सत्र के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भारतीय जनता पार्टी के विधायक भर्तृहरि महताब को लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ दिलाएंगी. इसके बाद महताब पीएम मोदी को लोकसभा के नेता के तौर पर शपथ दिलाएंगे.


नए सांसदों का किया स्वागत


पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, "ये वैभव का दिन है. आजादी के बाद पहली बार नई संसद में शपथ समारोह हो रहा है. इस भव्य दिवस पर मैं सभी नवनिर्वाचित सांसदों का अभिनंदन करता हूं और सबको शुभकामनाएं देता हूं. यह नई गति और नई ऊंचाई को प्राप्त करने का समय है. संसद का ये गठन भारत के सामान्य मानव के संकल्पों की पूर्ति का है. श्रेष्ठ भारत निर्माण और 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य लेकर के आज इसके पहल के दिन की शुरुआत हो रही है. आजादी के बाद दूसरी बार किसी सरकार को लगातार तीसरी बार सेवा करने का मौका किसी सरकार को जनता ने दिया है. ये अवसर 60 साल बाद आया है. ये अपने आप में गौरव की बात है.


हम सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं


पिछले 10 वर्षों में हमने जिस परंपरा को लेकर चलने का प्रयास किया है. क्योंकि हम मानते हैं कि सरकार चलाने के लिए बहुमत होता है, लेकिन देश चलाने के लिए सहमति जरूरी होती है. इसलिए हमारा निरंतर प्रयास रहेगा कि हर किसी की सहमति के साथ, हर किसी को साथ लेकर मां भारती की सेवा करें. हम सबको साथ लेकर के चलना चाहते हैं. सबको साथ लेकर संविधान की मर्यादा का पालन करके निर्णयों को गति देना चाहते हैं.


इस तरह जोड़ा पुराणों से कनेक्शन


18वीं लोकसभा में हमारे लिए खुशी की बात है कि युवा सांसदों की संख्या अच्छी खासी है. हम जब 18 की बात करते हैं तो भारत की परंपराओं को जानते हैं, भारत की सांस्कृतिक विरासत से परिचित हैं, वे जानते हैं कि हमारे यहां 18 अंक का बहुमत सात्विक मूल्य है. गीता के 18 अध्याय हैं. हमारे यहां पुराणों और उप-पुराणों की संख्या भी 18 है. 18 का मूलांक 9 है और 9 पूर्णता की गारंटी देता है. 18 वर्ष की आयु में हमारे यहां मताधिकार मिलता है. 18वीं लोकसभा भारत के लिए शुभ संकेत है.


इमरजेंसी का जिक्र कर कही ये बात


आज हम 24 जून को मिल रहे हैं. कल 25 जून है. जो लोग इस देश की संविधान की गरीमा से समर्पित हैं. जो लोग भारत के लोकतांत्रिक परंपराओं में निष्ठा रखते हैं उनके लिए 25 जून न भूलने वाला दिन है. कल ही के दिन भारत के लोकतंत्र में काला धब्बा लगा था. इसे 50 साल पूरे हो रहे हैं. भारत की नई पीढ़ि इस बात को कभी नहीं भूलेगी कि भारत के संविधान को पूरी तरह से नकार दिया है. देश को जेलखाना बना दिया गया था. लोकतंत्र को दबोच दिया गया था. इमरजेंसी के यह 50 साल इस संकल्प के हैं कि हम गौरव के साथ संविधान की रक्षा करते हुए, भारत के लोकतंत्र और लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए यह संकल्प लेंगे कि भारत में फिर कभी कोई ऐसा हिम्मत नहीं करेगा, जो 50 साल पहले किया गया था. 


विपक्ष को लेकर कही ये बात


पीएम मोदी ने अपने भाषण मकें कहा कि सभी सांसदों से देश को बहुत अपेक्षाएं हैं. देश की जनता विपक्ष से अच्छे कदमों की उम्मीद रखती है. लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखने की अपेक्षा करता है. मुझे पूरा विश्वास है इस पर विपक्ष खरा उतरेगा. लोग सस्टेन चाहते हैं, स्लोगन नहीं चाहते भारत को गरीबी से मुक्त करने में बहुत बड़ी सफलता हम हासिल कर सकते हैं. हमारा ये सदन संकल्प का सदन बने.


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