'रबाब' बजाकर चर्चा में आए 19 साल के सुफियान मलिक
इसके साथ ही मलिक ने बताया कि वीडियो को करीब 18वीं बार में सफलतापूर्वक शूट किया गया. ठंड के बीच हाथों को लय में लाने बड़ी समस्या थी.
नई दिल्ली: श्रीनगर के रहने वाले 19 साल के सुफियान मलिक इन दिनों सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं. उनकी शोहरत की वजह भी बेहद खास है. कुछ दिन पहले ही उन्होंने फोक सॉन्ग में रबाब के जरिए जान डालने की कोशिश की थी. सुफियान ने तीन नवंबर को भारी बर्फबारी के बीच मोबाइल फोन में 45 सेकेंड का एक वीडियो शूट किया और फिर उसे सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया था. जिसके बाद उनका वीडियो वायरल हो गया और उसे अब तक चार लाख से भी ज्यादा लोग देख चुके हैं.
वीडियो के वायरल होने पर मीडिया से रू-ब-रू हुए सुफियान ने कहा, "मैं छुट्टियों में कश्मीर आया था. इस दौरान सुबह होते ही मेरे माता-पिता घर से चले जाते थे, तब मैं दोस्तों के साथ वीडियो शूट करने चला जाता था और उस समय घाटी पर बर्फबारी हो रही थी, जिसे देख मैंने सोचा कि जब मैं इसे शूट करूं तो शानदार बर्फबारी का नज़ारा भी शामिल हो जाए. अपने वीडियो को शुरुआत में मैंने पुणे में रह रहे दोस्तों को दिखाया था."
Rabab & Snow | Jannat-e-Kashmir played by Sufiyan Malik. #firstsnowfall #rabab #sufiyanmalik pic.twitter.com/A8Y82kz7Ku
— Sufiyan Malik (@sufiyanmalik_) November 4, 2018
सुफियान ने इस वीडियो को 18वीं कोशिश में पूरा किया था. वहां ठंड तेज़ होने की वजह से वो अपने हाथों को गर्म नहीं कर पा रहे थे. उन्होंने कहा, " वहां बिजली नहीं थी, जिस वजह से मैं अपने हाथों को गर्म नहीं कर पा रहा था. मुझे रफ्तार के साथ चलना था. तीन बीट्स नीचे और एक बीट ऊपर बजाना बहुत मुश्किल था. आखिरकार, हमने कर दिखाया."
उनकी इस कोशिश को ट्विटर पर दो दिनों में एक लाख से भी ज्यादा लोगों ने देखा. इससे पहले सुफियान ने चार दोस्तों के साथ मिलकर एक म्यूजिक वीडियो बनाया था और उसे भी सोशल मीडिया पर शेयर किया था. आपको बता दें कि सुफियान की मां पेशे से जहां एक डॉक्टर हैं, तो वहीं उनके पिता एक बिजनेसमैन हैं.
सुफियान ने कहा, "बर्फबारी और रबाब ने शायद उनकी पहचान को बनाने में काफी मदद की है जिसकी वजह से लोगों ने उनसे जुड़ने में ज़रा सी भी देरी नहीं की. मैं रबाब के साथ अपनी पूरी जिंदगी बिताना चाहता हूं. मैं रबाब के अस्तित्व को बरकरार रखने के लिए इसमें ही मास्टर की डिग्री हासिल करूंगा."
रबाब का मतलब रबाब, रूह से निकला हुआ एक शब्द है, तो दूसरी तरफ 'बाब' एक तरीके से अभिव्यक्ति है किसी चीज़ को बताने की. वैसे तो रबाब के कई वेरिएंट को सेंट्रल एशिया में देखा गया है. लेकिन, सदियों पहले रबाब कश्मीर में अफगानिस्तान से पहुंचा. अगर अफगानी रबाब की बात करें तो उसमें सात स्ट्रिंग्स होते हैं, जबकि कश्मीरी रबाब में 22 स्ट्रिंग्स हैं.