मुंबई: 16 जनवरी का दिन मुंबई सहित पूरे देश भर के लिए ऐतिहासिक रहा. जहा हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन लगाने का काम युद्ध स्थर पर किया गया. देश भर में इसके लिए तैयारी भी गई थी और हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य भी तेय किया गया था. लेकिन कार्यकर्म में देरी और एप में तकनीकी खराबी के चलते मुंबई पहले दिन 4 हजार हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाया.
वैक्सीनेशन के पहले चरण के पहले दिन मुंबई के 10 केंद्रों में कुल 1926 हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन लगाई गई जो बीएमसी के तेय किये गए पहले दिन के लक्ष्य से काफी कम था. बीएमसी के एक अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक मुंबई के 10 केंद्रों में पहले दिन कुल 4 हजार हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य था. हर केंद्र में हेल्थ वर्कर्स की संख्या को देखते हुए एक सूची तैयार की गई थी. जिसे हासिल करना था लेकिन पहले दिन कार्यक्रम में देरी के चलते और Cowin एप में तकनीकी दिक्कत के चलते तेय लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया.
16 तारीख को किस केंद्रों में कितने हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन लगी
केईएम अस्पताल: 243
सायन अस्पताल: 188
नायर अस्पताल: 190
कूपर अस्पताल: 262
बांद्रा भाभा अस्पताल: 149
वीएन देसाई अस्पताल सांताक्रूज़: 80
राजावाड़ी अस्पताल: 289
बाबासाहेब अम्बेडकर अस्पताल कांदिवली: 266
बीकेसी जंबो अस्पताल: 220
जेजे अस्पताल: 39
बात अगर मुंबई के सबसे बड़े वैक्सीन जंबो सेंटर की करे जिसका उद्घाटन राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्य के अन्य बड़े नेताओं और बीएमसी के मौजूदगी में किया गया तो यहां अकेले 1000 लोगों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य था. लेकिन पहले दिन बीएमसी ने दो शिफ्ट के बजाए एक शिफ्ट में काम करने का फैसला लिया था. जिसके चलते बीकेसी में 10 बूथ्स के बजाए 5 वैक्सीन बूथ्स ही खोले गए थे. एक दिन में 500 हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन देना था लेकिन 500 के बजाए केवल 220 हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन लगाई गई. वहीं कूपर अस्पताल में 262 लोगों को वैक्सीन लगाई गई.
सुरेश काकनी जो बीएमसी के अतिरिक्त अयुक्त हैं जिन्हें मुंबई के स्वास्थ्य का कार्यभार सौंपा गया है उनका कहना है कि पहले दिन उत्साह के कारण वैक्सीन के कार्य में तीन घंटे का विलंब हुआ. जिसके चलते बीएमसी पहले दिन के लक्ष्य हासिल नहीं कर पाई. लेकिन राहत की बात ये रही के वैक्सीनेशन के पहले दिन 1926 लोगों को वैक्सीन लगाया गया. सभी को आधे घंटे ऑब्ज़र्वशन में रखा गया. किसी को किसी तरह का रिएक्शन नहीं हुआ कोई दिक्कत नहीं आई और सभी स्वस्थ होकर घर लौटे.
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