नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े ऐसे पांच मामलों की फिर से सुनवाई के आदेश दिये हैं जिनमें सभी आरोपियों को 1986 में बरी कर दिया गया था.
जस्टिस गीता मित्तल और अनु मल्होत्रा की बेंच ने सभी आरोपियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुये पूछा है कि बतायें कि उनके खिलाफ मामले में क्यों ना फिर से सुनवाई हो. मामले में आरोपियों की रिहाई के संबंध में सुनवाई अदालत के रिकॉर्ड को देखने के बाद हाईकोर्ट ने इन मामलों में फिर से सुनवाई के लिये स्वत: संज्ञान लेते हुये निर्देश दिये.
सीबीआई द्वारा 1984 दंगों से जुड़े एक अन्य मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के सामने सुनवाई अदालत के रिकॉर्ड रखे गये थे. इस मामले में सीबीआई के कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की रिहाई को जांच एजेंसी ने चुनौती दी थी. रिकॉर्ड देखने के बाद बेंच ने पाया कि सुनवाई कोर्ट द्वारा न तो गवाहों और न ही शिकायतकर्ताओं का सही से परीक्षण किया गया और मामले का फैसला जल्दबाजी में किया गया.
हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिये कि वह इस मामले की जांच करे. इसके साथ ही शिकायतकर्ताओं को पेश होने का निर्देश देते हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 20 अप्रैल तय की है.