CBI Summons Jagdish Tytler: 1984 के सिख विरोधी दंगों के आरोपी कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर (Jagdish Tytler) को सीबीआई ने वाइस सैंपलिंग के लिए समन भेजा था. मंगलवार (11 अप्रैल) को सीबीआई के समन पर टाइटलर सीजीओ कॉम्प्लेक्स में सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी अपनी वाइस सैंपलिंग देने के लिए पहुंचे, जहां विशेषज्ञों ने उनकी आवाज का नमूना लिया. 


आवाज का नमूना देने के बाद सीबीआई दफ्तर से बाहर निकलते हुए टाइटलर ने पत्रकारों से कहा कि यह कोई दूसरा मामला (सिख विरोधी दंगा नहीं) था. वहीं, इससे पहले खबरें थीं कि सिख विरोधी दंगों को लेकर मंगलवार को सीबीआई के सामने पेश हुए और एजेंसी ने उनके आवाज का नमूना लिया.   


फांसी पर लटकने के लिए तैयार हूं- टाइटलर


जगदीश टाइटलर ने 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में सीबीआई को अपनी आवाज का नमूना देने के बाद पत्रकारों से कहा कि उन्होंने कुछ नहीं किया है. उन्होंने कहा कि वो दंगों के दोषी नहीं हैं और उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं. टाइटलर ने आगे कहा कि अगर वो दोषी हैं और उनके खिलाफ कोई सबूत हैं तो वो इसके लिए जेल जाने और फांसी पर लटकने के लिए तैयार हैं. 






टाइटलर ने कहा, मैंने क्या किया है? अगर मेरे खिलाफ सबूत हैं, तो मैं खुद को फांसी पर चढ़ाने के लिए तैयार हूं... यह 1984 के दंगों के मामले से संबंधित नहीं था, जिसके लिए वे मेरी आवाज (नमूना) चाहते थे, ये एक दूसरा मामला है. 


सीबीआई तीन क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर चुकी है


बता दें कि यह मामला उत्तरी दिल्ली के गुरुद्वारा पुल बंगश में हुए दंगों से संबंधित है, जहां 1 नवंबर, 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या किए जाने के एक दिन बाद तीन लोग मारे गए थे. इसी को लेकर सीबीआई ने कांग्रेस नेता की आवाज के नमूने लिए हैं. उन्होंने बताया कि सीबीआई अब तक तीन क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर चुकी है और एजेंसी ने इस केस में 'नए सबूत' मिलने के बाद यह कदम उठाया है.  


क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती दी गई


इस केस के पीड़ितों ने सीबीआई की दायर की गई क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती देते हुए एक विरोध याचिका दायर की थी. कोर्ट ने दिसंबर 2015 में सीबीआई को इस मामले की जांच करने का निर्देश दिया था और कहा था कि वह हर दो महीने में जांच की निगरानी करेगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी पहलू बिना जांच के न रह जाए.


दिसंबर 2007 में एक कोर्ट द्वारा इसकी क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार करने से इनकार करने के बाद सीबीआई ने बादल सिंह, ठाकुर सिंह और गुरुचरण सिंह की गुरुद्वारे के पास हत्या के मामले की फिर से जांच की थी. सीबीआई यहां के एक स्पेशल कोर्ट के समक्ष नियमित रूप से इस मामले में अपनी स्थिति रिपोर्ट दाखिल कर रही है.


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