1984 Anti-Sikh riots: दोषी करार दिए गए कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की सजा पर मंगलवार (17 फरवरी, 2025) को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट अहम सुनवाई करेगी. दोषी करार दिए गए कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को कितनी सजा दी जाए इस पर कोर्ट में मंगलवार को बहस होगी.
कांग्रेस नेता सज्जन कुमार पर सिख विरोधी दंगों में पिता-पुत्र की हत्या का आरोप है. सज्जन कुमार की सजा पर मंगलवार को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट की जज कावेरी बावेजा के सामने बहस होगी.
1 नवंबर 1984 को सरस्वती विहार में जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या से जुड़े मामले में सज्जन कुमार आरोपी है. 1 नवंबर 2023 को कोर्ट ने इसी मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार का बयान दर्ज किया था. सज्जन कुमार ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया था.
क्या है पूरा मामला
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर 1984 को उनके दो सिख बॉडीगार्ड द्वारा हत्या किए जाने के बाद दंगे भड़क गए थे. शिकायतकर्ता के मुताबिक कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के भीड़ को उकसाने के बाद बंगालियों ने जसवंत सिंह और तरुण दीप सिंह को जिंदा जला दिया था. वहीं, इस मामले में शिकायतकर्ता की शिकायत पर दिल्ली के पंजाबी बाग पुलिस स्टेशन में दंगा हत्या और हत्या के प्रयास समेत अन्य गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई थी.
यह तय हुआ था आरोप
इस मामले में कोर्ट ने 16 दिसंबर 2021 को कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या) 147 (दंगा) 148 (घातक हथियार से लैस दंगा) 149 (गैर कानूनी सभा का हर सदस्य सामान्य उद्देश्य के लिए किए गए अपराध का दोषी) 308( गैर इरादतन हत्या का प्रयास) 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और 395 (डकैती) की धाराओं में आरोप तय किए गए थे.
केंद्र सरकार ने SIT का गठन कर फिर खोला केस
इस मामले को दिल्ली पुलिस ने बंद कर दिया था लेकिन साल 2015 में केंद्र की मोदी सरकार की तरफ से SIT गठित किए जाने के बाद पूरे केस को दोबारा खोला गया. एसआईटी ने इस मामले में आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता सज्जन कुमार उक्त भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे और उनके उकसाने पर भीड़ ने पिता और पुत्र को जिंदा जला दिया था. वहीं, भीड़ ने पीड़ितों का घर भी जलाया था और उनके परिवार के लोगों और रिश्तेदारों को गंभीर चोटें पहुंचाईं. उनके घरेलू सामान के साथ-साथ अन्य संपत्ति को भी नष्ट कर दिया और लूट लिया गया था.
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