1984 Anti-Sikh Riots: साल 1984 के सिख दंगों से जुड़े विकासपुरी में सिख को जलाने और जनकपुरी में हत्या करने के मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में रविवार (20 अगस्त) तक के लिए फैसला टल गया. कोर्ट रविवार को सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर फैसला दे सकता है.
राउज एवेन्यू कोर्ट पूरे मामले में बुधवार (23 अगस्त) को फैसला सुनाएगा. दरअसल, 2015 में एसआईटी (SIT) ने सिख दंगा मामले में जनकपुरी और विकासपुरी में एफआईआर (FIR) दर्ज कर जांच शुरू की थी.
जनकपुरी और गुरुग्राम में किसको मारा गया था?
जनकपुरी में दो सिखों सोहन सिंह और उनके दामाद अवतार सिंह की 1 नवंबर, 1984 को हत्या की गई थी. वहीं विकासपुरी पुलिस स्टेशन के एरिया में गुरुचरण सिंह को जला दिया गया था. इसके 30 साल बाद उनकी मौत हो गई. पूरे मामले में एसआईटी ने सज्जन कुमार का मई 2018 में पॉलीग्राफी टेस्ट भी किया था.
सिख विरोधी दंगा कैसे शुरू हुए?
साल 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की स्वर्ण मंदिर परिसर में चलाए गए ऑपरेशन ब्लूस्टार को लेकर उनके सिख बॉडीगार्ड्स ने उनकी हत्या कर दी थी. इसके बाद सिख विरोधी दंगे दिल्ली और पंजाब सहित कई हिस्से में शुरू हो गए थे. इसमें लोगों को सिखों के खिलाफ भड़काने की कोशिश की गई.