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Yasin Malik: 1989 के रुबैया सईद अपहरण मामले में चश्मदीद ने की आतंकी यासीन मलिक की पहचान, जानें क्या है पूरा मामला
1989 Rubaiya Saeed Kidnapping Case में शुक्रवार (24 फरवरी) को जम्मू की विशेष टाडा अदालत में सुनवाई हुई. इस दौरान मामले के मुख्य आरोपी आतंकी यासीन मलिक को चश्मदीद ने पहचान लिया.
![Yasin Malik: 1989 के रुबैया सईद अपहरण मामले में चश्मदीद ने की आतंकी यासीन मलिक की पहचान, जानें क्या है पूरा मामला 1989 Rubaiya Saeed Kidnapping Case Terrorist Yasin Malik Identified By Eyewitness in Jammu Special Tada Court Yasin Malik: 1989 के रुबैया सईद अपहरण मामले में चश्मदीद ने की आतंकी यासीन मलिक की पहचान, जानें क्या है पूरा मामला](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/02/24/5fbca4d6fd92064ed399bd9041ac12281677244779864330_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Terrorist Yasin Malik Identified In 1989 Kidnapping Case: जम्मू की विशेष टाडा (TADA) अदालत में शुक्रवार (24 फरवरी) को 1989 के रुबैया सईद (Rubaiya Sayeed) अपहरण मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए आतंकी यासीन मलिक (Yasin Malik) की एक चश्मदीद ने पहचान की. रुबैया तत्कालीन गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी हैं. अदालत में दो चश्मदीदों को गवाही देनी थी लेकिन दूसरा गवाह सेहत कारणों से उपस्थित नहीं हो सका. अभियोजन पक्ष ने बताया कि जो चश्मदीद अदालत में पेश हुआ, उसने अपहरण मामले में मुख्य आरोपी यासीन मलिक समेत दो लोगों की पहचान की.
आतंकी यासीन मलिक कश्मीर और पीओके में अलगाववादी गतिविधियां चलाने वाले जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का प्रमुख और 2017 के टेरर फाइनेंसिंग केस में तेहाड़ जेल में बंद है. गृह मंत्रालय ने उसके मूवमेंट पर प्रतिबंध लगाया हुआ है, इसलिए उसे कोर्ट ने ले जाकर, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेशी कराई गई.
सीनियर पब्लिक प्रॉसिक्यूटर एसके भट ने दी ये जानकारी
अभियोजन पक्ष ने चश्मदीद की गवाही को अपने पक्ष में बड़ी सफलता करार दिया. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सीनियर पब्लिक प्रॉसिक्यूटर एसके भट ने मीडिया को बताया, ''आज, रुबैया अपहरण मामले में टाडा कोर्ट के विशेष जज के साथ यासीन मलिक का केस था. हमने दो चश्मदीदों- नंबर 7 और नंबर 13 को समन भेजा था. चश्मदीद गवाह नंबर 13 कोर्ट में पेश हुआ जबकि चश्मदीद नंबर 7 सेहत कारणों के चलते अदालत में पेश नहीं हो सका.''
उन्होंने कहा कि चश्मदीद (13) का बयान रिकॉर्ड किया गया और इस दौरान वर्चुअल मोड के माध्यम से मलिक मौजूद था. लोक अभियोजक ने कहा कि केस के अन्य आरोपी भी कोर्ट में मौजूद थे. भट ने कहा कि जिस चश्मदीद ने वर्चुअल मोड से यासीन मलिक की पहचान की, उसने खुली अदालत में एक और आरोपी मोहम्मद जमान को भी पहचाना.
सोपोर में आरोपियों से की थी चश्मदीदों ने मुलाकात
उन्होंने कहा कि चश्मदीद ने स्वीकार किया कि रुबैया सईद के अपहरण के एक दिन बाद वह एक अन्य गवाह के साथ सोपोर गया था. उसके बयान के मुताबिक, खान गेस्ट हाउस में दोनों चश्मदीद आरोपियों से मिले थे. भट ने कहा कि दो आरोपियों में से एक अली मोहम्मद मीर रुबैया सईद को अपने वाहन में श्रीनगर से सोपोर ले गया था और उसे खान गेस्ट हाउस में रखा था.
उन्होंने कहा कि जब चश्मदीद श्रीनगर लौटे को मीर ने उन्हें अपना वाहन दे दिया था और प्रत्यक्षदर्शियों का वाहन सोपोर में रखा गया था. भट ने कहा कि चश्मदीद (13) ने अदालत में दो बार जगहों और आरोपियों की पहचान की. अदालत ने अभियोजन पक्ष को निर्देश दिया है कि 31 मार्च को अगली सुनवाई के दौरान दोनों गवाहों को पेश किया जाए.
रुबैया के बदले पांच आतंकवादी किए गए थे रिहा
बता दें कि शुक्रवार को रुबैया सुनवाई के लिए अदालत में उपस्थित नहीं हुईं थीं. 15 जुलाई को पिछली सुनवाई के दौरान रुबैया ने मलिक समेत पांच आरोपियों की पहचान की थी. रुबैया का 8 दिसंबर, 1989 को श्रीनगर के Lal Ded Hospital के पास से अपहरण किया गया था. केंद्र की बीजेपी समर्थित वीपी सिंह सरकार की ओर से बदले में पांच आतंकवादियों को रिहा किए जाने के पांच दिन बाद रुबैया को छोड़ा गया था. वह अब तमिलनाडु में रहती हैं. रुबैया को सीबीआई की ओर से अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में सूचीबद्ध किया गया है, जिसने 1990 की शुरुआत में इस मामले को संभाला था.
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