नई दिल्ली: ब्रिटेन से आए संक्रमित यात्रियों में से दो दिल्ली एयरपोर्ट से फरार हो गए थे. जिसमे से एक व्यक्ति लुधियाना पहुंच गया जबकि दूसरा यात्री एक महिला है जो आंध्र प्रदेश चली गई थी. इन लोगो को वापस दिल्ली भेजा जा रहा है जिसमे से लुधियाना जाने वाला यात्री एलएनजेपी अस्पताल पहुंच गया है.


यूके में नया स्ट्रेन मिलने की खबर के बाद केंद्र सरकार ने नए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर बनाए थे. जिसके बाद यूके से आनेवाले यात्रियों का एयरपोर्ट पर आरटी पीसीआर टेस्ट करवाया गया था. टेस्ट रिपोर्ट में पॉजिटिव आने पर उन्हे इंस्टिट्यूशनल क्वारंटाइन करने और उनके सैंपल की जीनोम सीक्यूनेंस होना था ताकि यूके वाले नए स्ट्रेन से वो संक्रमित है ये पता करने के लिए. इसकी के तहत यूके से आए सभी यात्रियों का आरटी पीसीआर टेस्ट करवाया गया था. सभी संक्रमित सैंपल देने के बाद पांच संक्रमित पाए गए थे. जिसमे से दो इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से भाग गए.


इस बारे में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है की इस बात की जानकारी उन्हे अखबार से मिली. वहीं उन्हे इंस्टिट्यूशनल क्वारंटाइन करने के लिए दिल्ली सरकार को सौंपना एयरपोर्ट अथॉरिटी की जिम्मेदारी थी.


वहीं यूके से आए कोविड पॉज़िटिव यात्रियों में से कुछ के मिसिंग होने के सवाल पर दिल्ली एयरपोर्ट प्रशासन का कहना है कि विदेश से आए यात्रियों की कोविड जाँच से लेकर उन्हें घर या अस्पताल ले जाने की सारी ज़िम्मेदारी दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन की है.


फिलहाल इनमें से पांच लोगों दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में भर्ती कराया गया है इसमें एक यात्री वो है जो लुधियाना चला गया था. वहीं जानकारी के मुताबिक उसके संपर्क में आने वालों की पहचान की जा रही है. वहीं कान्ट्रैक्ट ट्रैसिंग के लिए दिल्ली, पंजाब और आंध्र प्रदेश की टीमें जुट गई हैं.


यूके में नए स्ट्रेन के बाद केंद्र सरकार ने नए एसओपी बनाई थी, जिसके मुताबिक -


- राज्य सरकार ये सुनिश्चित करें की यूके से आनेवाले यात्रियों का आरटी पीसीआर टेस्ट हुआ हो. वहीं पॉजिटिव पाए जाने पर spike gene-based RT-PCR test करवाए लैब से.


- जो यात्री पॉजिटिव पाए जाते है इंस्टिट्यूशनल आइसोलेशन फैसिलिटी में अलग रखा जाए. इसके लिए अलग से व्यवस्था हो. इनका सैंपल केंद्र द्वारा सुझाए गए 6 में से किसी एक लैब में भेज कर genomic sequencing करवाए.


- अगर रिपोर्ट में आता है संक्रमण वाला वायरस वही है जो भारत में पहले से है तो भारत में ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल के तहत ही इलाज हो. गंभीर ना होने पर होम आइसोलेशन या फैसिलिटी लेवल पर ट्रीटमेंट हो.


- वहीं genomic sequencing में पाया जाता है की SARS-CoV-2 नया वेरिएंट है तो अलग आइसोलेशन यूनिट में ही रहेगा मरीज. प्रोटोकॉल के मुताबिक ट्रीटमेंट होगा. पॉजिटिव होने के 14 दिनों बाद दुबारा आरटी पीसीआर टेस्ट होगा. अगर सैंपल 14 वें दिन पॉजिटिव पाया जाता है, तो आगे का नमूना तब तक लिया जा सकता है, जब तक कि उसके दो लगातार 24 घंटे अलग किए गए नमूनों का टेस्ट नेगेटिव न हो जाए.


- जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है एयरपोर्ट पर उन्हे सलाह दी गई है की वो होम क्वारंटाइन रहे.


- यूके के वो अंतर्राष्ट्रीय यात्री जो 25 नवंबर से 8 दिसंबर 2020 तक भारत में आए है, जिला निगरानी अधिकारियों से संपर्क किया जाएगा और उनके स्वास्थ्य की निगरानी करने की सलाह दी जाएगी. यदि उनमें से कोई भी लक्षण विकसित करता है,आरटी पीसीआर द्वारा उनका विस्तृत रूप से परीक्षण किया जाएगा


- 9 से 23 दिसंबर के बीच आए यात्रियों की लिस्ट राज्य और डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस ऑफिसर दी जाएगी और 14 दिनों तक भारत में आने पर फॉलो अप किया जाएगा.


- इन यात्रियों को स्वास्थ्य विभाग से इनके स्वास्थ्य की जानकारी के लिए फोन आएगा इन्हे अपने स्वास्थ्य की पूर्ण जानकारी देनी होगी.


- साथ ही है सभी आए यात्री अपनी सेहत का ध्यान रखेंगे और 28 दिनों तक यूके से आने के बाद लक्षण होने पर जानकारी देनी होगी. लक्षण आने पर डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस ऑफिसर को बताना होगा या 1075 नेशनल हेल्पलाइन या राज्य की हेल्पलाइन पर जानकारी देनी होगी.


- इन यात्रियों के पॉजिटिव आने पर उन सभी लोगो को जो इनके संपर्क में आए थे उन्हें इंस्टिट्यूशनल क्वारंटाइन में अलग से रखा जाएगा और 5 और 10 दिन के बीच इनका आरटी पीसीआर टेस्ट होगा जैसा कि आईसीएमआर की गाइडलाइन में है.


- इस एसओपी के दायरे में आने वाले किसी भी यात्री के बारे में जानकारी, जो दूसरे राज्य में जाते हैं, उन्हें तुरंत संबंधित राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को सूचित किया जाएगा. यदि किसी भी यात्री को शुरू में या किसी भी अवधि के दौरान ट्रेस नहीं है, तो जिला सर्विलांस अधिकारी द्वारा आईडीएसपी की केंद्रीय निगरानी इकाई को तुरंत सूचित किया नए