नई दिल्लीः कोरोना की तीसरी लहर को लेकर जाहिर की जा रही आशंकाओं के बीच शुक्रवार को नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने आईसीएमआर की एक स्टडी का हवाला देते हुए कहा कि दूसरी लहर के दौरान वैक्सीन की दो डोज ने हाई रिस्क वाले पुलिसकर्मियों के बीच 95 प्रतिशत कोविड -19 मौतों को रोका है. देश में दूसरी लहर के लिए डेल्टा वेरिएंट को जिम्मेदार माना जा रहा है.


आईसीएमआर की स्टडी में तमिलनाडु में 1,17,524 पुलिसकर्मियों के बीच वैक्सीन की प्रभावशीलता का आकलन किया गया. उन्होंने कहा कि इनमें से 67,673 पुलिसकर्मियों को दो डोज और 32,792 को एक डोज दी जा चुकी थी जबकि 17,059 पुलिसकर्मियों का टीकाकरण नहीं हुआ था.


दोनों डोज लेने वालों में मृत्यु दर 0.06 फीसदी  
डॉ. पॉल ने कहा कि वैक्सीन नहीं लगवाने वाले 17,059 पुलिसकर्मियों में से 20 की मौत कोविड-19 के कारण हुई, जबकि कम से कम एक डोज लेने वाले पुलिसकर्मियों में केवल 7 ऐसी मौतें हुई हैं.वहीं, वैक्सीन की दो डोज वाले 67,673 पुलिसकर्मियों में से केवल चार की मौत हुई. पॉल ने कहा कि इस प्रकार वैक्सीन नहीं लगवाने वाले प्रति एक हजार पुलिस पुलिसकर्मियों में मृत्यु दर 1.17 फीसदी होती है.  वैक्सीन की एक डोज लेने वालों में प्रति एक हजार पर मृत्यु दर 0.21 फीसदी और दोनों डोज लेने वालों में मृत्यु दर 0.06 फीसदी रही.


देशभर में दी जा चुकी 39.53 करोड़ से ज्यादा डोज
गौरतलब है कि देशभर में कुल 39 करोड़ 53 लाख 43 हजार 767 कोरोना वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है. जिसमें 31करोड़ 61 लाख 16 हजार 189 लोगों को पहली और 7 करोड़ 92 लाख 27 हजार 578 लोगों को कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगाई गई है. 


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