जम्मू: मुंबई पुलिस और मिलिट्री इंटेलिजेन्स जम्मू और कश्मीर ने एक साझा ऑपरेशन में अवैध रूप चल रहे दो वीओआईपी एक्सचेंज का भंडाफोड़ किया है. इन वीओआईपी एक्सचेंजो का इस्तेमाल पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई भारत के सैन्य छावनियों के बारे में जानकारिया जुटाने के लिए करती थी.


केरल और नोएडा में अवैध रूप से चल रहे इन वीओआईपी एक्सचेंज से इस साझा ऑपरेशन में एक आरोपी को भी गिरफ्तार किया गया है. इस साझा ऑपरेशन में मुंबई पुलिस और जम्मू कश्मीर मिलिट्री इंटेलिजेंस ने इन दो अवैध एक्सचेन्जो से 100 स्लॉट और 200 स्लॉट की क्षमता वाले दो सिम बॉक्स, 2 राऊटर, 3 मॉडम, ऐन्टेना, बैट्री और कनेक्टर बरामद किये है.


दरअसल, पिछले साल सितम्बर के महीने में सुरक्षाबलों के अधिकारियों और जवानों को कई संदिग्ध टेलीफोन नंबरों से कॉल किये गए थे और उनसे ज़रूरी सैन्य छावनियों की जानकारी मांगी गयी थी. इन संदिग्ध नंबरों से कॉल करने वाले लोगो ने अपनी नकली पहचान बताई थी, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियों को इन फ़ोन कॉल्स में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ होने का भी शक है. इस मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस और जम्मू कश्मीर मिलिट्री इंटेलिजेन्स को नोएडा और केरल में कुछ अवैध वीओआईपी एक्सचेंजो का पता चला, जो पाकिस्तान से स्थानीय नंबरों पर आने वाली फ़ोन कॉल्स को रूट करते थे, ताकि सुरक्षाबलों के अधिकारियो से जवानों से अहम जानकारी जुटाई जा सके.



यह एक्सचेंज चीन में बने सिम बॉक्स की मदद से पाकिस्तानी नंबरों से आने वाली अंतर्राष्ट्रीय कॉल्स को स्थानीय कॉल्स में बदल देते थे. दरअसल, इन सिम बॉक्सेस में डायनामिक आईएमईआई सिस्टम का इस्तेमाल होता है, जिससे इन कॉल्स को ट्रैक कर पाना मुश्किल होता था. गौरतलब है कि डायनामिक आईएमईआई सिस्टम को टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी द्वारा अवैध घोषित किया गया है.


सूत्रों की मानें तो भारतीय प्रणालियां डायनामिक आईएमईआई सिस्टम में उत्पन्न कॉल को नियंत्रित नहीं कर सकती, ऐसे में इनका इस्तेमाल राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में भी किया जाता है. इसलिए दूरसंचार विभाग को सामान्य टेलीफोन नेटवर्क के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय वीओआईपी कॉल को ट्रांसमिट करने की इजाज़त नहीं है. वहीं सिमबॉक्स कार्यप्रणाली भारत सरकार के साथ साथ मोबाइल कंपनियों के लिए भी वित्तीय धोखाधड़ी है.


अब तक की जांच में पता चला है कि इन अवैध एक्सचेन्जों से देश के दूरसंचार विभाग को करोड़ों का नुक्सान हुआ है. अब तक की जांच में यह भी पता चला है कि इन अवैध एक्सचेंजों का इस्तेमाल पाकिस्तानी खुफिया एजेन्सिया भारत के अहम सैन्य ठिकानो की जानकारी जुटाने के लिए भी करता था.


इस मामले में पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है और निकट भविष्य में और भी गिरफ्तारियां होने की सम्भावना है.