नई दिल्ली: पांच सौ और हजार के पुराने नोट बंद करने का एक मकसद जाली नोट खत्म करना रहा है. लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि पुराने नोटों के साथ जाली नोट भी बैंकों में जमा हो गए हैं. हालांकि अभी ऐसे नोटों का अनुपात काफी कम है, लेकिन 30 दिसंबर तक इनकी संख्या और बढ़ सकती है. दरअसल कई बैंकों में असली और नकली नोट में फर्क करने के लिए सुविधाएं नहीं हैं.


जाली नोटों को खत्म करना मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले की एक बड़ी वजह रही है. भारतीय सांख्यिकी संस्थान की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में करीब 400 करोड़ रुपये के जाली नोट हैं. नोटबंदी पर सुनवाई के दौरान सरकार यही बात सुप्रीम कोर्ट में कह भी चुकी है. लेकिन अब सवाल उठ रहे हैं क्या नोटबंदी से वाकई जाली नोटों पर अंकुश लग पाया है.


ये सवाल अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट की वजह से उठ रहा है. अखबार की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नोटबंदी के एलान के बाद 27 नवंबर तक बैंकों में जितने पुराने नोट जमा हुए, उनमें 1 लाख 29 हजार नोट जाली हैं. जो इस दौरान बैकों में जमा हुए कुल नोटों के महज 3 दशमलव 4 फीसदी के बराबर हैं.



अगर इस खबर में दम है तो ये सरकार के लिए चिंता की बात है, क्योंकि जाली नोट पहचाने नहीं गए और बैंकों में जमा हो गए. इन जाली नोटों के बदले बैंकों ने या तो अब तक नए नोट जारी कर दिए होंगे या फिर ये रकम ग्राहकों के खातों में जमा होगी, जिसका इस्तेमाल वैध करेंसी के तौर पर किया जा सकेगा.


अखबार के मुताबिक बैंकों में जमा जाली नोटों का मूल्य 9 करोड़ 63 लाख रुपये के बराबर है. जबकि भारतीय सांख्यिकी संस्थान के मुताबिक देश में 500 और 1000 रुपये के जाली नोटों का कुल मूल्य 300 करोड़ रुपये के आसपास है.


खबर में दावा किया गया है कि बैंकों में आए जाली नोटों की संख्या कुल नकली नोटों का सिर्फ 3 दशमलव 2 फीसदी है. ऐसे में सवाल उठता है कि बाकी नोट कहां हैं? जानकारों के मुताबिक ये नोट आतंकियों और या काला धन रखने वाले ऐसे लोगों के पास हो सकते हैं, जो इन्हें लौटाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए. ये भी हो सकता है कि 30 दिसंबर की डेडलाइन खत्म होने से पहले इसका एक हिस्सा बैंकों में पहुंच जाए.


एबीपी न्यूज़ ने अखबार में छपी इस खबर के बारे में और जानकारी हासिल करने के लिए वित्त मंत्रालय के ऊंचे पदों पर बैठे सूत्रों से बात की, तो अहम जानकारी मिली. वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने इस बारे में पूछने पर माना कि नोटबंदी के बाद बैकों में जमा किए गए नोटों में कुछ जाली हो सकते हैं, क्योंकि कई जगहों पर नोटों की जांच करने की बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं. लेकिन कुल कितने जाली नोट जमा हुए हैं, ये संख्या बता पाना मुश्किल है.