नई दिल्ली: यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर आज विपक्षी दलों का रात्रिभोज हुआ जिसमें सीपीआईएम, सीपीआई, तृणमूल कांग्रेस, बीएसपी, समाजवादी पार्टी, जेडीएस और आरेजडी सहित 20 विपक्षी दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया.


सोनिया गांधी के आवास पर हुए इस डिनर में एनसीपी के शरद पवार, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, बीएसपी के सतीशचंद्र मिश्र, आरजेडी से मीसा भारती और तेजस्वी यादव, सीपीआईएम से मोहम्मद सलीम, डीएमके से कनिमोझी के अलावा शरद यादव आदि ने हिस्सा लिया. माना जा रहा है कि इस बैठक में विपक्षी एकता को लेकर बातचीत हुई. सोनिया गांधी के इस डिनर को लोकसभा चुनाव में एऩडीए के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा खड़ा करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.



रात्रि भोज के बाद कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं को बताया कि यह प्रीति और मैत्री वाला रात्रि भोज था. कांग्रेस का मानना है कि जहां सरकार दीवार खड़ी करेगी, वही हम मित्रता, सौहार्द्र और मिलकर साथ चलने का रास्ता तैयार करेंगे. उन्होंने कहा कि यह डिनर राजनीति के लिए नहीं था. पर स्वाभाविक है कि जहां सरकार संसद चलाने में इच्छुक नहीं है तो वे राजनीतिक नेता, जो अपने क्षेत्रों के लोगों की समस्याओं को लेकर जागरूक और चिंतित हैं, जब मिलेंगे तो प्रदेश और देश की राजनीति पर चर्चा जरूर होगी.


नेताओं के बीच गरीबों, युवाओं और किसानों को लेकर बातचीत हुई: सुरजेवाला


सुरजेवाला ने कहा कि इन नेताओं के बीच गरीबों, युवाओं और किसानों को लेकर बातचीत हुई. उन्होंने कहा कि देश की धुरी संसद में सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित हो, इस बारे में अनौपचारिक बातचीत होना भी स्वाभाविक है. उन्होंने कहा कि इस रात्रिभोज का एक ही मकसद है.. सौहार्द्रपूर्ण और मित्रता वाले माहौल में विपक्षी नेता बैठकर व्यक्तिगत और राष्ट्र से जुड़े मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान कर सकें.


एक प्रश्न के उत्तर में सुरजेवाला ने कहा, ‘‘ आज जब देश के सामने विकट संकट हैं. सरकार की नाक के नीचे से करोड़ों रुपये लेकर भगोड़े भाग गये. हजारों किसान सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर सरकार के पास अपनी व्यथा सुनाने पहुंची पर सरकार उनकी बात सुन नहीं रही. आज जब बेरोजगारी सिर चढ़कर बोल रही है. भ्रष्टाचार का बोलबाला है. ऐसे में विपक्षी नेता, भले ही उनसे हमारा मतभेद हो, पर वे राष्ट्रीय हित में इन मुद्दों का समाधान निकालने के लिए चिंतित हैं.


संसद चलाने की जिम्मेदारी सत्ता पक्ष की है: सुरजेवाला


सुरजेवाला ने कहा कि संसद चलाने की जिम्मेदारी सत्ता पक्ष की है. अगर संसद में कोई गतिरोध उत्पन्न कर रहा है तो वह सत्ता पक्ष के लोग है, विपक्ष के नेता नहीं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और विपक्षी नेता चाहते हैं कि सरकार की संसद में जवाबदेही तय हो. सरकार चर्चा से भाग रही है . किंतु हम यह सुनिश्चित करेंगे कि संसद भी चले और सरकार की जवाबदेही भी तय हो.


डिनर में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, बीएसपी प्रमुख मायावती और एसपी प्रमुख अखिलेश यादव के नहीं आने के बारे में पूछे जाने पर सुरजेवाला ने कहा कि इन पार्टियों के संसद के नेता इस रात्रिभोज में आये हैं. इस मित्रतापूर्ण रात्रिभोज को राजनीतिक तौर पर इससे अधिक नहीं देखा जाना चाहिए.


कांग्रेस सूत्रों के अनुसार रात्रि भोज में तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय, नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, एआईयूडीएफ, झामुमो के हेमंत सोरेन, रालोद के अजित सिंह, आईयूएमएल के कुट्टी, जेवीएम के बाबूलाल मरांडी, आरएसएपी के रामचन्द्रन, भारतीय ट्राइबल पार्टी के शरद यादव, हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा जीतनराम मांझी, जेडीएस डॉ कुपेन्द्र रेड्डी और केरल कांग्रेस के प्रतिनिधि ने भाग लिया.