नई दिल्ली: अगर बंद और हड़ताल से ही सारी समस्याओं का हल निकलने लगता तो हर देश में बंद का एलान करके मुश्किलें दूर कर ली जातीं, लेकिन एक बंद से देश का हजारों करोड़ का नुकसान होता है. फिक्की के एक अनुमान के मुताबिक एक दिन के भारत बंद से 20 हजार करोड़ का नुकसान होता है.


बंद से कितना होता है नुकसान?

  • देश में अगर एक दिन बैंक कर्मचारी काम बंद कर दें तो 25 हजार करोड़ का नुकसान होता है.

  • रेलवे कर्मचारी एक दिन भारत बंद कर दें तो 2400 करोड़ का नुकसान होता है.

  • देश के मजदूर अगर एक दिन काम बंद कर दें तो 26 हजार करोड़ का नुकसान होता है.

  • एयर इंडिया के पायलट अगर एक दिन काम बंद कर दें तो 15 करोड़ का नुकसान होता है.


अप्रैल में दो बार हुआ भारत बंद का आंदोलन

देश में दो अप्रैल के दलितों के भारत बंद का तो कई दलों ने समर्थन किया था. लेकिन 10 अप्रैल को सवर्णों के भारत बंद के पीछे कोई राजनीतिक दल नहीं आया. दावा है कि 10 अप्रैल का भारत बंद सिर्फ सोशल मीडिया पर चले कैंपेन के कारण हुआ था.

बंद को लेकर कोर्ट भी जारी कर चुकी है चेतावनी

बंद को लेकर साल 1997 में केरल हाईकोर्ट ने कहा था, ‘’बंद बुलाने से नागरिकों की आजादी पर असर पड़ता है और कामकाज करने का अधिकार प्रभावित होता है. अगर विधायिका इस पर रोक के लिए कानून नहीं बनाती तो हमारा फर्ज है नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा करें.’’

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, ‘’धरना प्रदर्शन और बंद के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्ति को होने वाले नुकसान के लिए जवाबदेही तय होनी चाहिए और पीड़ितों को मुआवजा मिलना चाहिए. जो भी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं, ऐसे नुकसान पहुंचाने वाले नेताओं और राजनीतिक पार्टियों के खिलाफ मुकदमा चलना चाहिए.’’

बंद से हल नहीं मिलती हैं मुसीबतें

देश में हर नागरिक को शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन का अधिकार है, लेकिन इस बात का अधिकार नहीं है कि बंद के नाम पर सार्वजनिक या फिर निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाए. देश में बंद की किसी को इजाजत नहीं मिलनी चाहिए. बंद के नाम पर आंदोलन करने वालों की पहचान करके उनसे हिंसा, तोड़फोड़ के नुकसान की भरपाई कराई जानी चाहिए.

देश में किसी संवेदनशील मुद्दे पर अगर कहीं हड़ताल, बंद या प्रदर्शन होने वाला हो तो तुरंत राजनीतिक दलों को अपने नेताओं, कार्यकर्ताओं को आगे करके उस मुद्दे पर देश को होने वाले नुकसान से बचाने की जिम्मेदारी देनी चाहिए.