संसद के लिए नए भवन का निर्माण जोरों पर है. 2022 में इसे तैयार हो जाने की उम्मीद है. इसी बीच गुजरात की एक मानवाधिकार संस्था ने पार्लियामेंट बिल्डिंग के लिए अनोखा सिक्का भेजने की योजना बनाई है. सानंद जिले के नवसर्जन ट्रस्ट ने गुजरात के लोगों से पीतल के बर्तन तथा अन्य मेटल के सामानों को भेजने का अनुरोध किया है. इस पीतल के बर्तन से एक विशेष सिक्का बनाया जाएगा जिसपर छुआ-छूत के खिलाफ संदेश लिखा होगा. इस सिक्के को नई दिल्ली भेजा जाएगा जो नए बन रहे संसद भवन में लगाया जाएगा.


सिक्के पर बाबा साहेब की तस्वीर भी 
संस्था के आह्वान पर पहले ही दिन 500 किलो पीतल के बर्तन जमा हो गए हैं. संस्था का कहना है कि करीब 2000 किलो पीतल जमा किया जाएगा जिसका 1111 मिलीग्राम डायमीटर का एक विशेष सिक्का तैयार किया जाएगा. इस पर लिखा होगा कि क्या छुआ-छूत मुक्त 1947 का भारत का सपना 2047 में पूरा हो पाएगा. इस संदेश के साथ ही सिक्के पर महाड़ सत्याग्रह का नेतृत्व करते हुए बाबा साहेब भीमराव आंबेदकर की तस्वीर होगी. इस सिक्के को न्यू पार्लियामेंट बिल्डिंग में लगाने के लिए भेज दिया जाएगा. संस्था की योजना लोगों से एक रुपये के सिक्के को लेने की भी है जिसे गुजरात से सांसद भी देंगे.


परंपरा का करेंगे पालन


नवसर्जन ट्रस्ट के मार्टिन मकवान ने बताया कि संसद भवन के नए बिल्डिंग को अवश्य ही भव्य होना चाहिए लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण यह है कि इस नए भवन में क्या होना चाहिए. उन्होंने बताया कि आजादी के 75 सालों बाद आज भी छुआ-छूत कायम है. इसलिए हमारा संदेश है कि अगर हम एक देश है तो हमें एक राष्ट्र के रूप में होना चाहिए क्योंकि छुआ-छूत के कारण हमारा प्रत्येक गांव दो राष्ट्र में बंटा हुआ है. उन्होंने कहा कि हमारा देश सांस्कृतिक परंपरा से चलता है और इस परंपरा के तहत जब भी हम नए भवन का निर्माण करते हैं तो शांति एवं समृद्धि के लिए उसकी नींव में पीतल की वस्तु रखते हैं. इसलिए हम नई पार्लियामेंट बिल्डिंग में 2000 किलो का पीतल का सिक्का नींव में रखना चाहते हैं.


अगस्त 2022 में पहुंचेगा दिल्ली
नवसर्जन ट्रस्ट ने पार्लियामेंट भवन के लिए 1 रुपये का सिक्का भी दान में लेने का अभियान चलाया है. लोग स्वैच्छिक रूप से एक रुपये का सिक्का दान में देंगे. इसे भी पार्लियामेंट बिल्डिंग के लिए भेजा जाएगा. माकवान ने कहा पार्लियामेंट प्रत्येक भारतीय के लिए एकमात्र राजनीतिक एवं नैतिक मंदिर है जो भारत के संविधान में निहित सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करता है. मकवान के मुताबिक 2000 किलो का सिक्का अगले तीन महीने में तैयार हो जाएगा. इसे 15 अगस्त 2020 तक नई दिल्ली लाया जाएगा. इसके साथ ही एक करोड़ रुपये मूल्य का एक रुपये का सिक्का भी लाया जाएगा. इसे संसद भवन की नई बिल्डिंग में लगाया जाएगा. मकवान ने बताया कि कुछ अन्य स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा इस तरह के कार्यक्रम उत्तर प्रदेश, झारखंड, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र औऱ तमिलनाडु में भी चलाए जा रहे हैं.


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