Rs 2000 Currency Note Exchange: आरबीआई ने शुक्रवार (19 मई) को एक बड़ा फैसला लेते हुए 2000 रुपये के नोट को सर्कुलेशन से बंद करने का एलान किया है. हालांकि इन नोटों को 30 सितंबर तक वैध माना जाएगा. इसको लेकर अब केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने सरकार का समर्थन करते हुए कहा कि 2 हजार के नोट का छपना 2018 से ही बंद हो गया था. ये नोटबंदी नहीं नोट वापसी है. इससे निश्चित रूप से जिसने काले धन को इकट्टठा किया है उनके पेट में दर्द हो रहा है.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि आम लोग 2 हजार का नोट लेकर नहीं चलते हैं, यह आम लोगों के लिए खुशहाली का संदेश है. कांग्रेस के सरकार पर हमले वाले बयान को लेकर अश्विनी चौबे का कहना है कि भ्रष्टाचार और जिसने अपने पास बड़ी संपत्ति रखी है, उनके लिए यह परेशानी की बात है. आम जनता, गरीब आदमी 2 हजार का नोट नहीं रखता है.
कांग्रेस ने सरकार पर बोला हमला
दरअसल, RBI के नोटबंदी के फैसले पर कांग्रेस ने कहा है कि जब नोट बंद ही करना था तो लाए ही क्यों थे. कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के नेता मोदी सरकार पर हमले बोल रहे हैं तो बीजेपी के मंत्री और नेता इसे सही वक्त पर सही फैसला बता रहे हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अगर दो हजार के नोट को बंद ही करना था तो इसे लाया ही क्यों गया था. अगर दो हजार का नोट पहले से चलन में नहीं था तो इसपर को भी जवाब देना चाहिए.
कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि ऐसे फैसलों से अर्थव्यवस्था मजबूत होने की बजाए कमज़ोर होती है. कांग्रेस के ही नेता गौरव बल्लभ ने कहा कि बीजेपी बिना सोचे समझे दो हज़ार के नोट को बाजार में लायी थी अब उससे पलटना पड़ रहा है. वहीं नोटबंदी के फैसले को सही बताते हुए बीजेपी के नेता सुशील मोदी ने कहा कि यह काले धन पर दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक है.
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