2000 Rupee Note: दो हजार के नोट वापसी के फैसले से वोटिंग पर कितना होगा असर? abp न्यूज के सर्वे में खुलासा
2000 Rupee Note: आरबीआई ने दो हजार रुपये के नोट वापस लेने का फैसला किया है. इसका चुनावों पर क्या असर होगा, एबीपी न्यूज ने इसे लेकर एक सर्वे किया है.
2000 Rupee Note: भारतीय रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के नोट को वापस लेने का फैसला किया है. इसे लेकर सियासत तेज है. विपक्ष इसे मोदी सरकार की नाकामी बता रही है तो बीजेपी इसके फायदे गिना रही है. इस बीच इस मुद्दे पर जनता क्या सोचती है, एबीपी न्यूज ने इसे लेकर एक सर्वे किया है. आइए इस पर जनता का जवाब जानते हैं.
इस सर्वे में पूछा गया कि क्या 2000 के नोट बंद करने का असर वोटिंग के फैसले पर पड़ेगा. इस पर 22 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि हां इसका असर पड़ेगा, लेकिन बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है जो ये मानते हैं कि इसका कोई असर नहीं होगा. सर्वे में 58 प्रतिशत लोगों ने माना है कि वोटिंग के फैसले पर दो हजार के नोट बंद करने का कोई प्रभाव नहीं होगा. इस सर्वे में 20 फीसदी लोगों ने कहा कि वह इस बारे में स्पष्ट नहीं हैं और कह नहीं सकते कि असर होगा या नहीं.
फैसले का समर्थन और विरोध दोनों
आरबीआई ने शुक्रवार (19 मई) को दो हजार रुपये के नोट को प्रचलन से बाहर करने का फैसला लिया था. हालांकि, अभी यह वैध मुद्रा बनी रहेगी और 30 सितम्बर तक लोगों को इसे बैंक में जमा कराने को कहा गया है. इस फैसले को लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है तो कई लोगों ने इसका समर्थन भी किया है.
देश के पूर्व आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने इसके समर्थन में 6 कारण गिनाए हैं. इनमें से एक प्रमुख कारण यह भी है कि अब बहुत कम लोग ही दो हजार रुपये के नोट का इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन क्या वास्तव में ऐसा है कि लोग दो हजार के नोट का इस्तेमाल कम कर रहे हैं, इसे लेकर भी एबीपी न्यूज ने सर्वे से पता चला है.
आखिरी बार कब किया नोट का इस्तेमाल
सर्वे में लोगों से पूछा गया कि उन्होंने या उनके परिवार ने आखिरी बार दो हजार रुपये के नोट का इस्तेमाल कब किया था. इसमें 12 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्होंने इसी हफ्ते इस्तेमाल किया था. 19 फीसदी ने पिछले महीने और 24 फीसदी ने कहा कि उन्होंने 6 महीने पहले 2000 रुपये के नोट का इस्तेमाल किया था.
36 प्रतिशत यानी सबसे ज्यादा लोगों का ये मानना है कि उन्होंने आखिरी बार दो हजार रुपये के नोट का इस्तेमाल एक साल पहले किया था. वहीं, 9 फीसदी लोगों को याद नहीं है कि उन्होंने आखिरी बार कब इस्तेमाल किया था.
यह भी पढ़ें
अमित शाह से सिंधिया तक... किसी भी केंद्रीय मंत्री के ट्विटर बॉयो में बीजेपी का जिक्र नहीं, क्यों?