2000 Rupees Note: रिजर्व बैंक ने शुक्रवार (19 मई) को बड़ा फैसला करते हुए 2,000 रुपये के नोट को चलन से वापस लेने का फैसला किया. बयान के मुताबिक, ये नोट 30 सितंबर तक वैध बने रहेंगे. बैंक के इस फैसले के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार पर तंज किया है. वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि हमारे स्वयं-भू विश्वगुरु, पहले करते हैं, फिर सोचते हैं. उन्होंने कहा कि 8 नवंबर 2016 के विनाशकारी तुगलकी फरमान के बाद इतनी धूमधाम से पेश किए गए 2000 रुपये के नोट अब वापस लिए जा रहे हैं.
वहीं कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी कहा कि 8 नवंबर 2016 का भूत एक बार फिर देश को परेशान करने के लिए वापस आ गया है. नोटबंदी का बहुत प्रचारित कदम इस देश के लिए एक बड़ी आपदा बना हुआ है. पीएम मोदी ने 2000 के नए नोटों के फायदों पर राष्ट्र को उपदेश दिया, आज जब छपाई बंद है तो उन सभी वादों का क्या हुआ?
उन्होंने कहा कि सरकार को इस तरह के कदम के पीछे अपनी मंशा बतानी चाहिए. सरकार अपने जन विरोधी और गरीब विरोधी एजेंडे को जारी रखे हुए हैं. उम्मीद है कि मीडिया इस तरह के कठोर कदम पर सरकार से सवाल करेगा और इसे दुनिया में 'चिप की कमी' के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराएगा.
AAP ने भी किया हमला
आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 2016 में नोटबंदी के बाद लोगों की नौकरी गई, जान गई और अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ. सरकार ने जो 2016 में दावा किया था कि काला धन औऱ भ्रष्टाचार खत्म होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मैं इस बार उम्मीद करता हूं कि फैसला विशेषज्ञों की राय पर लिया होगा.
बता दें कि रिजर्व बैंक के मुताबिक, आप 23 मई से 30 सितंबर तक 2 हजार रुपये के नोट को बैंकों और आऱबीआई की 19 शाखों में बदल सकेंगे. आरबीआई ने बताया कि एक बार में 20,000 रुपये तक के 2,000 रुपये के नोट बदले सकेंगे. साल 2016 के नवंबर में सरकार ने नोटबंदी का ऐलान करते हुए 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए थे और 2000 हजार रुपये के नोट चलन में लाए थे.